जिला प्रशासन ने दिए लौटाने के आदेश
जबलपुर: निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वृद्धि पर तीन और निजी स्कूल माफिया पर शिकंजा कस दिया गया हैं। इन तीनों निजी स्कूलों द्वारा शैक्षणिक सत्र 2024-25 तक 47904 विद्यार्थियों से लगभग 33 करोड़ रुपए की फीस अवैध रूप से वसूले है। जिला प्रशासन द्वारा की जा रही कार्यवाही के तहत कलेक्टर दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में गठित जिला समिति ने इन स्कूलों को अवैधानिक रूप से बढ़ाई गई फीस को अमान्य करते हुए विद्यार्थियोंके अभिभावकों को 30 दिन के भीतर नियम विरूद्ध बढ़ाई गई फीस वापस करने के आदेश दिये हैं।
अब इन स्कूलों पर कार्यवाही
जिन निजी स्कूलों को अवैध रूप से बढ़ाई गई फीस वापस करने के निर्देश दिये गये है, उनमें नचिकेता सीनियर सेकेंडरी स्कूल विजय नगर, स्मॉल वंडर सीनियर सेकेंडरी स्कूल जबलपुर और सेंट जोसेफ कॉन्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल रांझी शामिल है।
दो-दो लाख का अधिरोपित
अवैधानिक रूप से की गई फीस वृद्धि को अमान्य करने की यह कार्यवाही अभिभावकों से प्राप्त शिकायतों पर विस्तृत जांच उपरांत की गई है। अवैध रूप से वसूली गई 33 करोड़ 78 लाख रूपये की राशि अभिभावकोंको वापस करने के आदेश जारी किये जाने के साथ-साथ इन निजी स्कूलों के प्रबंधन पर मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2020 के प्रावधानों का उल्लंघन करने के कारण दो-दो लाख रूपये की शास्ति भी अधिरोपित की गई है। स्कूल प्रबंधकों को शास्ति की राशि 30 दिन के अंदर आयुक्तलोक शिक्षण मध्यप्रदेश के एचडीएफसी बैंक के खाते में जमा कर जिला शिक्षा अधिकारीकार्यालय में पावती प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं।
किसे कितनी फीस लौटाने के आदेश
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के मुताबिक मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 के तहत गठित जिला समिति द्वारा जांच के बाद नचिकेता सीनियर सेकेंडरी स्कूल विजय नगर के प्रबंधन को शैक्षणिक सत्र 2018-19 से शैक्षणिक सत्र 2024-25 तक 10 हजार 865 विद्यार्थियों से फीस के तौर पर अवैधानिक रूप से वसूली गई 5 करोड़ 85 लाख रूपये की राशि, स्माल वंडर सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रबंधन को 18 हजार 541 विद्यार्थियों से 12 करोड़ 02 लाख रूपये की अवैधानिक रूप से वसूली गई राशि एवं सेंट जोसफ कान्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल रांझी के प्रबंधन को 18 हजार 498 विद्यार्थियों से अवैधानिक रूप से वसूली गई 15 करोड़ 91 लाख रूपये की राशि वापस करने के आदेश दिये गये हैं।