इंदौर शहर की किसी भी विधानसभा में स्पेस नहीं, मुकाबले में कैसे आएगी कांग्रेस

– पूरी तरह अपने बलबूते चुनाव लड़ रहे हैं अक्षय कांति बम
फोटो- शंकर लालवानी, अक्षय कांति बम

मिलिंद मुजुमदार
इंदौर. इंदौर लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने अच्छा प्रत्याशी दिया है। अक्षय कांति बम उच्च शिक्षित, युवा और साफ सुथरी सभी छवि के हैं, लेकिन राजनीति की बजाय उन्होंने समाज सेवा अधिक की है। इसलिए राजनीति में उन्हें अनुभवहीन और प्रत्याशी के तौर पर कमजोर माना जा रहा है। यही वजह की इंदौर में चुनावी माहौल कहीं नजर नहीं आ रहा। दरअसल,यहाँ पर ……. न झंडे, न पोस्टऱ, न कट आउट, न होर्डिंग. न नारेबाजी, न नेताओं का हल्ला ऐसा कुछ भी नजर नहीं आ रहा हैं। यहां का चुनाव ख़ामोश बना हुआ हैं। चुनाव की यह स्थिति है कि भाजपा ने पांच विधानसभा क्षेत्र में अपने कार्यालय खोल लिए हैं, जबकि कांग्रेस में चुनाव कार्यालय के अते -पते ही नहीं है। हालांकि शहर का चुनावी माहौल भले ही भाजपा के पक्ष में जाता दिख रहा हों, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने मैदान संभाल लिया हैं। बम के लिए हऱ विधानसभा क्षेत्र के कदम कदम पर वोट का खतरा है। उन्हें खतरे से बाहर निकालने के लिए कांग्रेसियों को साथ देना जरूरी है।
शहर की हर विधानसभा में मिली शर्मनाक हार कांग्रेस को डराने के लिए पर्याप्त है। आगामी चुनाव में कांग्रेस को इतने बड़े-बड़े गड्ढे भरने में पसीने छूट जाएंगे, क्योंकि शहर की किसी भी विधानसभा में कांग्रेस सेफ नहीं हैं। यहा तक कि कांग्रेस के जो गढ़ ( विधानसभा क्र. 1 और 3) थे उस पर भी भाजपा ने अपना कब्जा जमा लिया हैं। अब चुनाव में कोई बड़ा चमत्कार ही कांग्रेस का बेड़ा पार लगा सकता हैं।

मजबूत गढ़ बना एक नंबर

लोकसभा चुनाव के लिए विधानसभा क्षेत्र एक भाजपा के लिए मजबूत गढ़ बन गया है। पहले यह विधानसभा संजय शुक्ला के नाम से जानी जाती थी, लेकिन महापौर और विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस का वजूद भी कमजोर हों गया। इस क्षेत्र में कांग्रेस की साख गिरते ही कांग्रेस के पूर्व विधायक संजय शुक्ला ने कांग्रेस का साथ छोडक़र भाजपा का दामन थाम लिया। कैलाश विजयवर्गीय ने यहां करीब 58000 मतों से जीत दर्ज की थी।

विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 2 में रिकॉर्ड बना

शहर के दो बड़े नेता कैलाश विजयवर्गीय और रमेश मेंदोला ने अपने काम के बल पर विधानसभा क्षेत्र 2 को इतना मजबूत बना दिया है कि यहां से कांग्रेस का नामोनिशान नहीं है। यह विधानसभा कैलाश जी रमेश जी के नाम से पहचानी जाती है। इन दोनों की कारण ही दो नंबर क्षेत्र पूरी तरह से विकसित हैं। भाजपा का गढ़ होने के कारण पिछले लोकसभा चुनाव में शंकर को भरपूर वोट मिले थे। इस बार रमेश मेंदोला यहां से एक लाख से अधिक मतों से जीते जो कि एक रिकॉर्ड है।

विधानसभा क्षेत्र क्रमांक तीन भी सेफ नहीं

शहर की सबसे छोटी विधानसभा होने के बावजूद भी पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को अपेक्षा से भी कम वोट मिले थे। एक समय विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 3 कांग्रेस का गढ़ माना जाता था, लेकिन कांग्रेस की कमजोरी का फायदा उठाते हुए भाजपा ने इस क्षेत्र को भी अपने कब्जे में कर लिया। उषा ठाकुर, आकाश विजयवर्गीय और गोलू शुक्ला ने इस क्षेत्र से पहली बार चुनाव लड़ा और पहली बार में ही विधायक बन गए। गोलू ने दीपक जोशी पिंटू को लगभग 16000 मतों से हराया। लोकसभा चुनाव में भाजपा को फिर से फायदा मिलेगा।

लखन दादा की अयोध्या है क्षेत्र क्रमांक 4 की सीट
विधानसभा क्षेत्र कमान 4 को पूरा शहर लखन दादा की अयोध्या के नाम से जानता है। इसकी पहचान पूरे प्रदेश में बनी हुई हैं। कैलाश विजयवर्गीय ने विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 4 से पहली बार चुनाव लडक़र भाजपा को जिताया था। इस जीत के साथ लखन दादा ने जीत को आगे बढ़ाया और इस क्षेत्र को अयोध्या में तब्दील कर दिया। आज इस विधानसभा को अयोध्या के नाम से पुकारा जाता है। सबसे बड़ी बात तो यह हैं की विधानसभा का चुनाव हो या लोकसभा का, भाजपा प्रत्याशी को कोई फर्क नहीं पड़ता। उसकी जीत तय रहती हैं। पिछले लोकसभा में लालवानी बहुत आसानी से यहां से जीते थे।

महेंद्र बाबा के कारण मजबूत गढ़ बना क्षेत्र क्रमांक 5

इंदौर विधानसभा क्षेत्र 5 इंदौर शहर की सबसे बड़ी विधानसभा है। इस क्षेत्र की जनसंख्या 7 लाख 60 हजार है.। इस क्षेत्र के 1 लाख 10 हजार मतदाता मुस्लिम हैं. पिछले 20 वर्षों से बीजेपी के विधायक महेंद्र हार्डिया इस सीट पर काबिज हैं। इस विधानसभा में महेन्द्र हार्डिया बाबा रे बाबा के नाम से चर्चित हैं। योजनाओं का लाभ देने के मामले में यह क्षेत्र प्रदेश का नंबर एक क्षेत्र है। इस क्षेत्र की सीट 20 वर्षों से बीजेपी के कब्जे में है इसलिए इसे बीजेपी का गढ़ भी कहा जाता है। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और शंकर लालवानी भी यहीं रहते हैं.। कांग्रेस कांति बम को यहाँ से मुस्लिम वोट अच्छे मिल सकते हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस के लिए किसी भी विधानसभा क्षेत्र में स्पेस नहीं है। इसी तरह राऊ विधानसभा के 8 वार्ड शहर में आते हैं। मेयर के चुनाव में भाजपा को यहां से 31000 और विधानसभा चुनाव में 23000 की लीड मिली थी।

ये है इंदौर शहर की 5 सीटों पर भाजपा की बढ़त

क्षेत्र क्रमांक 1… 102683
क्षेत्र क्रमांक 2 103021
क्षेत्र क्रमांक 3 25402
क्षेत्र क्रमांक 4 78142
क्षेत्र क्रमांक 5 34528…..

उपरोक्त आंकडे 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की बढ़त के हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने इसी तरह सभी विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बनाई थी।

 

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