प्रोविजनल डिग्री के लिए एनआरआई छात्रों से वसूल रहे चार लाख

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार तथा मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी को जारी किये नोटिस
जबलपुर: मप्र मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी द्वारा एनआरआई कोटे के छात्रों से प्रोविजनल डिग्री के लिए चार लाख रुपये वसूले जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य शासन और मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस विश्वविद्यालय जबलपुर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
राजकोट निवासी डॉ विरल मांडलिक, इंदौर निवासी डॉ नियोगिता पाठक सहित अन्य 15 अन्य की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि उन्होंने एनआरआई कोटे के तहत मेडिकल कोर्स में दाखिला लिया था। मेडिकल कोर्स पूर्ण करने के बाद उन्होने इंटर्नशिप पूरी कर ली है। इसके बाद उन्होंने मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी में प्रोविजनल डिग्री जारी करने आवेदन किया था। यूनिवर्सिटी द्वारा प्रोविजनल डिग्री जारी करने प्रदेश छात्र को 4800 अमेरिकी डॉलर यानी 4 लाख रुपये का भुगतान करने कहा गया है।
याचिका में कहा गया है कि प्रोविजनल डिग्री जारी करने का वास्तविक शुल्क प्रति छात्र मात्र 200 रुपये है। मेडिकल विवि में अभ्यावेदन देने के बावजूद जब कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण उक्त याचिका दायर की गयी है। याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

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