सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी को मिली राहत
जबलपुर: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अपने अहम फैसले में कहा है कि राज्य शासन गलत वेतन निर्धारण का हवाला देकर उच्च वेतनमान की रिकवरी नहीं निकाल सकते है। इस मत के साथ जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता से की गई समयमान वेतन की वसूली का आदेश निरस्त कर दिया। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को रिवाइज पेंशन पे-ऑर्डर के साथ सभी अनुषांगिक लाभ देने के निर्देश जारी किये है।शहडोल निवासी मनोज कुमार सिंह की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि वह उप निरीक्षक के पद से भर्ती होकर एसडीओपी के पद से सेवानिवृत्त हुआ।
उसे एक अप्रैल 2006 से समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया। वर्ष 2019 में सरकार ने गलत फिक्सेशन का हवाला देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता को एक सितंबर 2007 से उक्त लाभ मिलना था। इसके साथ ही रिकवरी निकाल दी। अधिवक्ता पांडे ने दलील दी िक वर्ष 2008 एवं 2009 में जारी किए गए 6 परिपत्रों के आधार पर याचिकाकर्ता एक अप्रैल 2006 से समयमान वेतन पाने का अधिकारी है। उन्होंने हाईकोर्ट द्वारा 2019 में हरि सिंह परमार के प्रकरण का हवाला भी दिया। कोर्ट ने वर्ष 2019 के प्रकरण को याचिकाकर्ता के प्रकरण के समान मानते हुए उक्त लाभ के निर्देश दिए।