नयी दिल्ली 21 दिसम्बर (वार्ता) केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को त्रिपुरा के अगरतला में पूर्वोत्तर अंतरिक्ष अनुप्रयोग केन्द्र (एनईसैक) सोसाइटी की 12वीं बैठक की अध्यक्षता की और कहा कि स्थापना के 25 वर्ष के बाद सोसाइटी के सकारात्मक पहलू नजर आने लगे हैं।
श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र ने नयी ऊंचाइयां हासिल की हैं। सोसाइटी की स्थापना के 25 साल बाद अब इसकी ओर से किये जा रहे कार्यों के सकारात्मक पहलू नजर आने लगे हैं । सोसाइटी को इन राज्यों में अपने काम के दायरे का और विस्तार करना चाहिए । इसके लिए राज्य सरकारों की तरफ से भी जरूरी पहल की जानी चाहिए ।
गृह मंत्री ने एनईसैक सोसाइटी से आग्रह किया कि वे पूर्वोत्तर के सभी राज्यों से विज्ञान पृष्ठभूमि के 100-100 छात्रों को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुख्यालय का भ्रमण करायें ताकि उनमें अंतरिक्ष और इससे जुड़ी प्रौद्योगिकी के बारे में रुचि पैदा हो सके। इस परियोजना के लिए उन्होंने पूर्वोत्तर राज्य विकास मंत्रालय से 60 फीसदी अंशदान करने का आग्रह किया। उन्होंने पूर्वोत्तर की राज्य सरकारों से इंजनियरिंग कॉलेजों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से जुड़े नये पाठ्यक्रम शुरु करने का भी आग्रह किया।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अब तक एनईसैक की सहायता से 20 जलमार्ग बनाने में सहायता मिली है और सोसाइटी को और अधिक जलमार्गों को बनाने की संभावना तलाशनी चाहिए। पूर्वोत्तर के राज्यों में खनिज, तेल, और कोयले के भंडार के लिए व्यापक मैपिंग की जरूरत है। इन खनिज पदार्थों पर मिलने वाली रॉयल्टी से पूर्वोत्तर राज्यों को आर्थिक लाभ मिलेगा।
श्री शाह ने कहा कि भारत-म्यांमार सीमा, खासकर नागालैंड, मिजोरम, और मणिपुर में लोगों के बसावट की मैपिंग होनी चाहिए ताकि सीमा की बाड़बंदी में मदद मिल सके और घुसपैठ के मामलों पर तत्काल लगाम लगाई जा सके। इसके लिए सीमा क्षेत्र में व्यापक सर्वे करने की आवश्यकता है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा है कि एनईसैक सोसाइटी को अंतरिक्ष विज्ञान का इस्तेमाल करके वन संवर्धन पर जोर देना चाहिए। इसके लिए पुराने मानचित्रों को नवीनतम मानचित्रों से तुलना करके जरूरी कदम उठाने चाहिए और जहां संभावनाएं हैं, वहां राज्य सरकारों से मिलकर वृक्षारोपण के प्रयास करने चाहिए । इसी तरह गृह मंत्री ने सोसाइटी को पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ की मैपिंग करने को भी कहा।
श्री शाह ने कहा कि सोसाइटी को अपना राजस्व मॉडल विकसित करने पर भी ध्यान देना चाहिए।
इस अवसर पर केन्द्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामांग, केन्द्रीय उत्तर पूर्वी विकास राज्य मंत्री सुकांत मजुमदार, केन्द्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, अंतरिक्ष विभाग के सचिव के डॉ. एस. सोमनाथ और खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, केन्द्र सरकार एवं पूर्वोत्तर की राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।