संयुक्त राष्ट्र 18 दिसंबर (वार्ता) संयुक्त राष्ट्र की अवर महासचिव रोज़मेरी डिकार्लो ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) के प्रमुख सदस्य देशों के बीच जारी गतिरोध को लेकर चिंतित है।
सुश्री डिकार्लो ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में परमाणु अप्रसार पर एक बैठक के दौरान कहा, “महासचिव इन सदस्य देशों के बीच इस महत्वपूर्ण मोड़ पर जारी लगातार असहमति को लेकर चिंतित हैं।”
उन्होंने कहा कि हालांकि, मतभेदों के बावजूद देशों ने आपस में बातचीत करने की इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने देशों से असहमति दूर करने का प्रयास बढ़ाने का आग्रह किया।
इससे पहले नवंबर में लंदन, पेरिस, बर्लिन और वाशिंगटन द्वारा प्रस्तावित ईरान की आलोचना करने वाले एक प्रस्ताव को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) द्वारा अपनाया गया था, जिसमें आईएईए प्रमुख राफेल ग्रॉसी की 14-15 नवंबर को तेहरान यात्रा के परिणामों की अनदेखी की गई थी।
वर्ष 2015 में ब्रिटेन, जर्मनी, चीन, रूस, अमेरिका, फ्रांस और ईरान के साथ-साथ यूरोपीय संघ ने एक परमाणु समझौता किया। संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) के तहत ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अंकुश लगाने के बदले प्रतिबंधों में राहत की पेशकश की।
तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व में अमेरिका ने मई 2018 में जेसीपीओए से खुद को अलग कर लिया और तेहरान पर प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिया। जवाब में ईरान ने परमाणु अनुसंधान, सेंट्रीफ्यूज और यूरेनियम पर प्रतिबंधों में ढील देते हुए समझौते के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं में धीरे-धीरे कमी की घोषणा की।