प्रसाद ने केजरीवाल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत

नयी दिल्ली 22 अक्टूबर (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दायर मानहानि के मामले को रद्द करने की याचिका को रद्द करने से इनकार करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है।

श्री प्रसाद ने कहा है कि श्री केजरीवाल द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ झूठे आरोप लगाने के लिए भाजपा उनकी कड़ी निंदा करती है। उन्होंने मंगलवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश आने के बाद उम्मीद कर सकते हैं कि श्री केजरीवाल आगे से इस प्रकार के झूठे आरोप नहीं लगाएंगे और किसी भी व्यक्ति का मानहानि नहीं करेंगे।

श्री प्रसाद ने श्री केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि श्री केजरीवाल देश को बदलने का ख्वाब लेकर आए थे और आजकल माफी मांगने के विशेषज्ञ बन गए हैं। उन्होंने कहा, उच्चतम न्यायालय ने गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा दायर मानहानि मामले को रद्द करने की मांग याचिका को खारिज कर दिया है। उन्होंने (श्री केजरीवाल ने) गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी।

भाजपा नेता ने कहा कि एक समय प्रधानमंत्री जी की शैक्षणिक योग्यता एवं डिग्री को लेकर श्री केजरीवाल की रूची बहुत बढ़ गयी थी। श्री केजरीवाल रोज सवाल पूछते थे कि प्रधानमंत्री जी कहां से पढ़े हैं? कितना पढ़े हैं? प्रधानमंत्री अपनी डिग्री दिखाइए। उन्होंने अपने शुभचिंतकों द्वारा इस मामले में सूचना के अधिकार के तहत डिटेल ब्योरा भी मांगा था। बाद में अदालत ने उस सूचना के अधिकाथ (आरटीआई ) की प्रक्रिया को खारिज कर दिया था। उस दौरान आम आदमी पार्टी के श्री केजरीवाल, संजय सिंह सहित अन्य लोगों ने गुजरात विश्वविद्यालय के खिलाफ भी अनाप-शनाप बातें कही थी। तब गुजरात विश्वविद्यालय ने अपने रजिस्ट्रार के माध्यम से एक मानहानि का मामला दायर किया था। तत्पश्चात इस मामले में मजिस्ट्रेट ने संज्ञान लिया और समन जारी किया। तब, श्री केजरीवाल सत्र न्यायालय में मानहानि के मामले को निरस्त करने के लिए याचिका दायर की, जिसे सत्र न्यायालय ने खारिज कर दिय था। इसके बाद श्री केजरीवाल उच्च न्यायालय पहुंचे और उच्च न्यायालय ने भी उनकी याचिका को खारिज कर दिया। उनको कहा किकल सोमवार को श्री केजरीवाल इस मानहानि मामले को निरस्त करने की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय पहुंचे और उच्चतम न्यायालय ने भी उनकी याचिका को खारिज कर दिया। इससे पहले आप नेता संजय सिंह ने इस मानहानि मामले को निरस्त करने की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी और जिसे उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया था।

श्री प्रसाद ने कहा कि चर्चा में है कि उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के दौरान ही श्री केजरीवाल ने माफीनामे का आग्रह किया था। कहा जा रहा है कि उन्होंने ने कहा कि यह नहीं चलेगा, यदि माफीनाम देना था तो पहले देना चाहिए था। अब या तो वरियता पर फैसला करेंगे या याचिका स्वीकार नहीं करेंगे। उच्चतम न्यायालय ने मानहानि मामले को रद्द करने की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इस मामले को लेकर ट्रायल कोर्ट में ट्रायल चलेगा।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ईमानदारी और भ्रष्टाचार का सर्टिफिकेट बांटने वाले श्री अरविंद केजरीवाल का असली चेहरा देश के सामने आ गया है। भ्रष्टाचार मामले में श्री केजारीवाल जी लंबे समय तक जेल में रहे। रिसर्च करने से पता चला कि श्री केजरीवाल झूठे आरोप लगाने के लिए मानहानि मामले में अबतक दस बार माफी मांग चुके हैं।

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