दोनों बिजली परियोजनाओं को अरबों रुपए की बिजली बनाकर काफी फायदा
नवभारत न्यूज
खंंडवा। इंदिरासागर के 12 एवं ओंकारेश्वर बांध के 14 गेट खोल दिए गए हैं। इंदिरा सागर के इन गेट्स को एक-एक मीटर खोला गया है। इससे 3048 क्यूमेक्स पानी ओंकारेश्वर की तरफ छोड़ा गया। इसके अलावा बिजली बनाने वाली टरबाइनों से भी 1840 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है।
इस मानसून में बारिश काफी अच्छी हुई है। संभवत: अब तक का रिकार्ड है कि एक सीजन में गेट तीसरी बार खुले हैं। अभी मानसून बाकी है। दोनों बिजली परियोजनाओं को अरबों रुपए की बिजली बनाकर काफी फायदा हुआ है।
लागत कुछ पैसे यूनिट ही
जल बिजली परियोजनाओं से बिजली बनाने की लागत काफी कम आती है। यह कुछ पैसे प्रतियूनिट ही होती है। बांध जैसे जैसे पुराने होंगे, लागत और कम होती जाएगी। कुल 4880 क्यूमेक्स पानी कुल मात्रा में छोड़ा गया है। ओंकारेश्वर परियोजना में इसीलिए पानी बढ़ा और लगभग इतना ही पानी वहां से भी गुजरात की तरफ जा रहा है। हालांकि अरबों रुपए मुआवजा व बांध लागत व मेटेंनेंस पहले बांटा जा चुका है। कोयले से बिजली थर्मल के रूप में लागत अधिक होती है।
तीसरी बार खोले गेट्स
इस मानसून सत्र में तीसरी बार यह पानी गेट्स खोलकर दोनों बांधों से रिलीज किया गया है। गेट कब बंद होंगे? इसकी सूचना अभी नहीं आई है। हंडिया की तरफ से तेजी से पानी इंदिरा सागर में आ रहा है।
बरगी और तवा बांध के गेट खुलने से इस तरफ पानी की आवक बढ़ी है। इंदिरासागर व ओंकारेश्वर लबालब होने के साथ काफी ज्यादा मात्रा में पानी गांधीसागर की तरफ छोड़ भी रहे हैं।
ओंकारेश्वर की ये मजबूरी
इंदिरा सागर बाँध के रेडियल गेट्स से जल की निकासी किए जाने के कारण सायं 05.30 बजे से ओंकारेश्वर बाँध के गेट्स खोलकर लगभग 3100 क्यूमेक्स तथा विद्युत गृह से 1896.00 क्यूमेक्स कुल लगभग 5000 क्यूमेक्स जल का निष्कासन किया जा रहा है।
ऊपरी बांध भी खोले
नर्मदाजी के उपरी कछार में लगातार वर्षा एवं अपस्ट्रीम के बाँधों से जल निष्कासन के कारण इंदिरा सागर बाँध के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। इंदिरा सागर जलाशय के जलस्तर को नियंत्रण में रखने के लिए बुधवार 11 सितंबर को सायं 5 बजे से कुल 4888 क्यूमेक्स जल का निष्कासन किया जा रहा है।