हाई कोर्ट ने निर्देश के साथ किया याचिका का निराकरण
जबलपुर। हाईकोर्ट के जस्टिस विनय सराफ की एकलपीठ ने एक याचिका का इस निर्देश के साथ पटाक्षेप कर दिया कि याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर लागू नियमों व विज्ञापन की शर्तों के अनुसार विचार कर निर्णय लें। आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को इसके लिए 45 दिन की मोहलत दी जाती है। मामला प्राथमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से संबंधित था। याचिकाकर्ता शहडोल निवासी सविता नामदेव की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता व्यवसायिक परीक्षा मंडल द्वारा आयोजित परीक्षा में शामिल हुई थी। उसने नियुक्ति के लिए योग्य पाया गया था। इसके बावजूद आज तक नियुक्ति नहीं की गई। जिसे लेकर उसने समय.समय पर अभ्यावेदन प्रस्तुत किए। जिनका निराकरण नहीं किया गया। इसीलिए हाईकोर्ट हाईकोर्ट की शरण ली गई है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि उनकी रैंकिंग अच्छी थी। 2022 में उसका नाम चयन सूची से नदारद था। 2023 में भी चयन नहीं किया गया। इस बीच याचिकाकर्ता के बीएड उत्तीर्ण होने को जिला शिक्षा अधिकारी, कटनी द्वारा सत्यापित कर दिया गया था। यह जानकारी प्रस्तुत करने पर भी कोई राहत नहीं दी गई। हाईकोर्ट ने सभी तर्क सुनने के बाद याचिकाकर्ता के हक में राहतकारी आदेश पारित किया।