वाशिंगटन 17 दिसंबर (वार्ता) अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने टिकटॉक के सीईओ से मुलाकात की है।
सोशल मीडिया दिग्गज ने वाशिंगटन द्वारा इसे प्रतिबंधित करने की योजना का विरोध किया है।
श्री ट्रम्प के संचार उप निदेशक मार्गो मार्टिन के फुटेज में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने कहा कि उनके दिल में ऐप के लिए ‘एक गर्मजोशी’ है जो उन्हें विश्वास है कि युवा मतदाताओं को आकर्षित करने में उनकी मदद करता है।
बीबीसी के अमरीकी पार्टनर सीबीएस न्यूज़ ने बैठक से परिचित सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि श्री ट्रम्प ने सोमवार को फ्लोरिडा में अपने मार-ए-लागो एस्टेट में शू ज़ी च्यू से मुलाकात की।
इस साल की शुरुआत में पारित एक कानून का मतलब है कि टिकटॉक पर तब तक प्रतिबंध रहेगा जब तक कि इसे इसकी चीनी मूल कंपनी बाइटडांस द्वारा 19 जनवरी से पहले नहीं बेचा जाता।
कंपनी ने प्रतिबंध को स्थगित करने के लिए अमेरिकी शीर्ष अदालत में एक आपातकालीन आवेदन किया है।
अमेरिका चाहता है कि टिकटॉक को बेचा जाए या प्रतिबंधित किया जाए क्योंकि बाइटडांस और चीनी राज्य के बीच कथित संबंध हैं। ऐसे संबंध जिनसे टिकटॉक और बाइट डांस दोनों ने हमेशा इनकार किया है।
अदालत में पेश करने वाले विधेयक में कहा गया है कि इसका उद्देश्य ‘विदेशी विरोधी नियंत्रित अनुप्रयोगों द्वारा उत्पन्न खतरे से अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करना है।’
श्री ट्रम्प प्रतिबंध का विरोध करते हैं। अपने पहले कार्यकाल के दौरान एक का समर्थन करने के बावजूद आंशिक रूप से इस आधार पर कि यह फेसबुक की मदद कर सकता है जिस पर उन्होंने 2020 के चुनाव में उनकी हार में सहायता करने का आरोप लगाया।
श्री ट्रम्प का दूसरा कार्यकाल 20 जनवरी से शुरु होगा। यह कानून में निर्धारित समय सीमा के एक दिन बाद है।
शीर्ष अदालत में सोमवार को दाखिल अपनी फाइलिंग में टिकटॉक ने प्रतिबंध के प्रवर्तन में ‘मामूली देरी’ करने के लिए कहा ताकि न्यायालय द्वारा समीक्षा के लिए ‘सांस लेने की जगह” बनाई जा सके और आने वाले प्रशासन को ‘इस मामले का मूल्यांकन’ करने की अनुमति मिल सके।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार इसने टिकटॉक को अमेरिका में ‘सबसे महत्वपूर्ण भाषण प्लेटफार्मों में से एक’ के रूप में वर्णित किया और कहा कि प्रतिबंध कंपनी और उसके उपयोगकर्ताओं को ‘तत्काल अपूरणीय क्षति’ पहुंचाएगा।
इस महीने की शुरुआत में कंपनी द्वारा प्रतिबंध हटाने की मांग को संघीय अपील अदालत ने खारिज कर दिया था। अदालत ने पाया कि यह कानून ‘कांग्रेस और उसके बाद के राष्ट्रपतियों द्वारा की गई व्यापक, द्विदलीय कार्रवाई का परिणाम है।’