एक दर्जन होमगार्ड सैनिकों को राहत दो माह का कॉल ऑफ देने पर रोक

जबलपुर। हाईकोर्ट से करीब एक दर्जन होमगार्ड सैनिकों को राहत मिली है। जस्टिस शील नागू व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने सीहोर व छिंदवाड़ा जिले के एक दर्जन से अधिक होमगार्ड सैनिकों को दो माह का कॉल ऑफ देने पर अंतरिम रोक लगाते हुए उन्हें सेवा में बने रहने की अनुमति दी। युगलपीठ ने मामले को सुनवाई हेतु स्वीकार कर पूर्व में लंबित प्रकरणों के साथ संलग्न करने के निर्देश दिये है।

यह मामले छिंदवाड़ा के बाबूलाल युवनती, बृजेश शर्मा, मगनलाल, मेवाराम धुर्वे तथा सीहोर के मेहरबान सिंह सहित अन्य की ओर से दायर किये गये है। जिनकी ओर से बताया गया कि उन्हें एक अप्रैल 2024 से 31 मई 2024 तक का कॉल ऑफ दिया गया है। जबकि शासन ने संशोधन के जरिए एक साल में दो माह के कॉल ऑफ को बदलकर 3 साल में 2 माह का कॉल ऑफ कर दिया गया है। पहले एक साल में यह कॉल ऑफ दिया जाता था। वर्ष 2010 में होमगार्डस कर्मचारियों द्वारा हाईकोर्ट जबलपुर द्वारा याचिका दायर कर नियमितीकरण, आरक्षकों के समान वेतन, पूरे वर्ष कार्य प्रदान करने एवं अन्य लाभ देने की प्रार्थना की गई थी। वर्ष 2011 में हाईकोर्ट द्वारा आंशिक रूप से स्वीकार कर मध्य प्रदेश शासन को आदेशित किया था कि वे होमगार्डस की सेवा नियम बनाये एवं उन्हें पूरे वर्ष कार्य पर रखा जाए। इसके बाद सरकार ने वर्ष 2016 में नियम बनाये और आदेश के विपरीत पुन: एक वर्ष में 2 माह का बाध्य कॉल ऑफ का प्रावधान रख दिया। अवमानना के बाद सरकार ने तीन साल वाला नियम बना दिया। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने उक्त निर्देश देते हुए मामलों को विचाराधीन मामलों के साथ संलग्न करने के निर्देश दिये है।

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