जगदलपुर, 15 दिसंबर (वार्ता) केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि मार्च 2026 के ओलंपिक में कहूंगा कि बस्तर बदल चुका है क्योंकि बस्तर ओलंपिक नक्सलवाद के कॉफिन में अंतिम कील ठोकने का काम करेगा।
श्री शाह ने आज यहां बस्तर ओलम्पिक के समापन समारोह में नक्सलियों से आह्वान किया कि आत्मसमर्पण कीजिये और राज्य के विकास के भागीदार बनिये। मैं दावे के साथ कहता हूं कि 2026 तक नक्सलियों का खात्मा होगा।
उन्होंने कहा कि नक्सलवाद खत्म होने पर कमिश्वर से ज्यादा पर्यटक बस्तर आयेंगे। गलत रास्ते पर गये लोग आत्मसमर्पण करें हिंसा करेेंगे तो हमारे जवान उनसे निपटेंगे। मैने कई राज्यों की आत्मसर्मण पॉलिसी देखी है छत्तीसगढ़ की पॉलिसी देश की सबसे अच्छी पालिसी होगी।
उन्होंने कहा कि ‘नियद नेलनानार योजना’ बस्तर को स्वर्ग बनाने की योजना है मोदी सरकार ने दस साल में नक्सलवाद के खिलाफ दो मोर्चें पर काम किया है। कड़ाई की और समर्पण करने वालों को बसाया है। जवानोंं की मौत में 73 प्रशितत कमी आई है।
श्री शाह ने कहा कि आने वाले दिनों में तेंदूपत्ता खरीदी में परिवर्तन करेंगे, नक्सल पीडि़तों के लिए 15 हजार अतिरिक्त आवास प्रधानमंत्री ने स्वीकृत किया है। आजादी के आंदोलन में हजारों आदिवासी सेनानियों ने भाग लिया उनकी याद में देश भर में म्यूजियम बनेंगे। उन्होंने कहा कि बस्तर ओलंपिक नक्सलवाद के कॉफिन में अंतिम कील ठोकने का काम करेगा। बस्तर ओलंपिक लाखों आदिवासी युवाओं को गलत रास्ते में जाने से रोकेगा और उन्हें भारत निर्माण से जोड़ेगा।
श्री शाह ने कहा कि बस्तर ओलंपिक क्षेत्र में शांति सुरक्षा और विकास की नई नींव डालने वाला है। बस्तर बदल रहा है, से बस्तर बदल गया, के यात्रा की शुरुआत इस ओलंपिक ने की है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दुनिया में जब भी भारत को किसी स्पर्धा में मेडल मिलता है तो उसमें से आधे मेडल हमारे आदिवासी बच्चें लेकर आते हैं। उन्होंने कहा कि खेलों की और विकास की जो आज शुरुआत हुई है, वह आने वाले दिनों में बस्तर के आदिवासी बच्चों के लिए विश्व भर के क्षितिज खोलेगा।
श्री शाह ने नक्सलवाद को छोड़कर मुख्य धारा से जुडऩे वाले सभी खिलाडिय़ों को शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि माओवाद के माँद कहे जाने वाले इलाकों में हमने नये कैंप स्थापित किये। यहां नक्सलियों को ललकारा और उन्हें धूल चटाई। पिछले एक साल में माओवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में बड़ी सफलता मिली है। इस दौरान 200 से अधिक माओवादियों को ढेर किया गया है, 900 से ज्यादा माओवादी गिरफ्तार हुए तथा 812 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है यह बड़ी उपलब्धि है। जवानों का बढ़ा हुआ हौसला और आत्मविश्वास देखकर मैंने भी अपने भीतर नयी ऊर्जा का महसूस की है। हमारी डबल इंजन की सरकार ने नियद नेल्लानार योजना के माध्यम से बस्तर के अंदरूनी गांव तक लोकतंत्र और विकास की किरणों को पहुंचाने में सफल हुए है।
श्री साय ने कहा कि नियद नेल्लानार योजना के माध्यम से हम सड़क, पुल-पुलिया, स्कूल, अस्पताल, आंगनवाड़ी, पेयजल, बिजली, मोबाइल टॉवर जैसी अधोसंरचनाएं अंदरूनी गांवों तक पहुंचा रहे हैं। वर्षों से बंद पड़े स्कूलों को फिर से शुरू किया गया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास की भी बेहतर व्यवस्था और विशेष प्रावधान सरकार द्वारा किए गए हैं। प्रदेश के आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और उन्हें एक सुरक्षित जीवन प्रदान करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने 15,000 पक्के प्रधानमंत्री आवास बनाए जाएंगे। नगरनार स्टील प्लांट और रायपुर- विशाखापट्टनम आर्थिक गलियारे से बस्तर अंचल के विकास को नई गति मिलेगी। पूरे अंचल में वाणिज्य और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, इससे युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार के नये मौके भी सृजित होंगे। श्री साय ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में भी बस्तर ने हाल ही में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कांगेर घाटी में स्थित गांव धुड़मारास को संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन के अपने अपग्रेड प्रोग्राम फॉर बेस्ट टूरिज्म विलेज के अंतर्गत पर्यटन के विकास के लिए चुना गया है।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बस्तर के माओवादी हिंसा से प्रभावित लोगों ने केंद्रीय गृह मंत्री से राजधानी मुलाकात की थी। अब बस्तर का दर्द दिल्ली तक पहुंच पाया है। हम बस्तर को संवारने और युवा ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देने का काम हमारी सरकार कर रही है। उन्होंने बस्तर ओलम्पिक के सफल आयोजन के लिए बस्तर वासियों को शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम को खेल मंत्री टंकराम वर्मा ने भी संबोधित किया।