एशियन होम्योपैथिक मेडीकल लीग के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. गिरीश गुप्ता ने बताया कि एएचएमएल का गठन भारत में 1987 में किया गया था। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य होम्योपैथी का देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रचार-प्रसार करना है। एशियन होम्योपैथिक मेडीकल लीग के भारत के अलावा 14 देशों में सदस्य हैं। एशियन होम्योपैथिक मेडीकल लीग भारत में यह ग्वालियर में प्रथम बार अन्तर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेन्स आयोजित करने जा रही है।
डॉ. राजेश गुपता ने बताया कि मुख्य वक्ता के रूप में मुम्बई के सुप्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. फारूक मास्टर कैंसर के होम्योपैथिक इलाज नामक विषय पर चर्चा करेंगे। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथ, कोलकाता के पूर्व डायरेक्टर डॉ. एस. के. तिवारी ‘एंण्डोक्रायनपल डिसऑर्डर के होम्योपैथिक इलाज’ नामक विषय पर शोध-पत्र पढ़ेंगे, कॉन्फ्रेन्स में भारत के 400 होम्योपैथिक डॉक्टर शिरकत करेंगे। डॉ. राजेश गुप्ता ने बताया है कि 4 अगस्त को कॉन्फ्रेन्स के समापन में मध्यप्रदेश विधानसभा के स्पीकर नरेन्द्र सिंह तोमर उपस्थित रहेंगे।