उज्जैन लोकसभा में यह सन्नाटा क्यों पसरा है…भाई…
जनता की खामोशी…राजनीतिक दलों का अलग-अलग आंकलन
नवभारत
उज्जैन। लोकसभा चुनाव की तारीख भले ही धीरे-धीरे नजदीक आ रही हो। लेकिन बावजूद इसके उज्जैन में सन्नाटा पसरा हुआ है…!
हालांकि राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों की जीत के दावे कर रहे हैं। लेकिन जिस तरह से जनता की खामोशी है। इसका आंकलन राजनीतिक दलों द्वारा अलग-अलग तरीके से निकाला जा रहा है। बीते चुनावों की यदि बात करें तो शहर का हर गली मोहल्ला चुनावी बैनरों झंडों आदि से पटा रहता नजर आता था। वहीं कार्यकर्ताओंं का हुजूम भी सुबह से ही सडक़ों पर निकल जाता था। लेकिन मौजूदा चुनाव में यह सब देखने को नहीं मिल रहा है। लोकसभा चुनाव के मतदान की तारीख भले ही धीरे-धीरे समीप आ रही हो। लेकिन उज्जैन शहर की बात करें तो यहां न तो चुनाव प्रचार का जोर दिखाई दे रहा है और न ही कार्यकर्ताओं में उत्साह। कुल मिलाकर नीरसता नजर आ रही है। यह स्थिति कांग्रेस की माने या फिर भाजपा की। हालांकि भाजपा के लोग अपने उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित मान रहे हंै और जनता के बीच भी यही सुनाई दे सकता है कि कहीं इस चुनाव में भाजपा के लिए कांग्रेस वॉकओवर तो नहीं दे रही है। लिहाजा भाजपा कांग्रेस की मौजूदा स्थितियों को देखते हुए अपने उम्मीदवार का वाक ओवर ही मान रही है। हालांकि कांग्रेस भाजपा उम्मीदवार को टक्कर देने का दावा जरूर कर रही है।
लेकिन कांग्रेस के सूत्र यह भी बताते हंै कि जिस तरह से कांग्रेस के नेता एक के बाद पार्टी को छोडक़र भाजपा में जा रहे हंै उससे शहर कांग्रेस के मौजूदा लोग अंदर ही अंदर टूट गए हैं, लिहाजा लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार करना या फिर मतदाताओं से संपर्क करना महज चुनावी औपचारिकता ही है।