मुंबई, (वार्ता) बॉलीवुड अभिनेता ताहिर राज भसीन का कहना है कि उनका शो ये काली काली आंखें शाहरुख़ खान की बेजोड़ भूमिकाओं को एक ट्रिब्यूट है।
ताहिर राज भसीन खुद को किंग खान शाहरुख खान का बड़ा फैन मानते हैं। उनकी वेब सीरीज़ ये काली काली आंखें का नाम शाहरुख़ की सुपरहिट फिल्म बाज़ीगर के मशहूर गाने ‘ये काली काली आंखें’ से प्रेरित है। यह एक सुखद संयोग है कि इस शो का नाम शाहरुख़ की एक यादगार फिल्म के गाने से जुड़ा हुआ है।
ताहिर राज भसीन ने कहा,शाहरुख खान की फिल्म बाज़ीगर और कभी हां कभी ना में निभाई गई करियर-डेफिनिंग भूमिकाएं सिर्फ परफॉर्मेंस नहीं थीं, बल्कि एंटी-हीरो की जटिलता को अपनाने की एक मास्टरक्लास थीं। एक कट्टर फैन होने के नाते, मैंने हमेशा शाहरुख़ को सिर्फ एक अभिनेता के रूप में ही नहीं, बल्कि एक ऐसे इंसान के रूप में देखा है, जिसने बाहरी होकर भी अपनी काबिलियत और मेहनत के दम पर शिखर पर जगह बनाई। उनकी यात्रा मेरे लिए हमेशा प्रेरणा और साहस का स्रोत रही है। यह दिखाती है कि कोई सपना बड़ा नहीं होता और कोई यात्रा कठिन नहीं। ये काली काली आंखें अपने हाई-स्टेक्स ड्रामा, बेमिसाल रोमांच और कच्ची ऊर्जा के साथ उन बेजोड़ स्पिरिट को सलाम करती है, जो शाहरुख़ ने बाज़ीगर और डर जैसी भूमिकाओं में दी थी।
ताहिर ने कहा, शाहरुख़ के किरदारों में दिखाया गया गंभीर, उलझन भरा और आत्मसंघर्ष से भरा एंटी-हीरो न सिर्फ मुझे बल्कि एक पूरी पीढ़ी के कहानीकारों को प्रभावित कर चुका है। ये काली काली आंखें में मेरा किरदार 90 के दशक के उस नायक को समर्पित है,जो हमेशा किनारे पर खड़ा रहता था, जहां अच्छे और बुरे के बीच की रेखा धुंधली होती थी। विक्रांत का किरदार शाहरुख़ के आइकॉनिक एंटी-हीरोज़ से गहराई से प्रेरित है, जिन्होंने हमें सोचने, सहानुभूति दिखाने, और कभी-कभी डार्क साइड के लिए चीयर करने पर मजबूर किया। किरदार की जटिलता, उसका संघर्ष, उसका जुनून और उसका साहस,ये सब उस बेजोड़ ऊर्जा को दर्शाता है, जो शाहरुख़ ने अपने आइकॉनिक रोल्स में दी। विक्रांत की यात्रा शो में उसी निडरता, गहराई और अस्पष्टता को दर्शाती है, जो शाहरुख़ ने अपने अद्भुत किरदारों में भरी थी।