पूर्व जीएम सहित पांच कर्मचारियों ने पांच कर्मचारियों ने करोड़ों की राशि अपने परिजनों के नाम ट्रांसफर कर किया करोड़ों का घोटाला

सुरेश पाण्डेय पन्ना

:खास बातें:-

1. 5 कर्मचारियों ने मिलकर कई करोड़ रुपए के कर दिए वारे न्यारे।

2. आरोपित अधिकारी मानवेंद्र सिंह को भी कर दिया गया जांच समिति मे शामिल।

3. 6 माह से चल रही कछुआ गति से जांच कर्मचारी अधिकारियों को बचाने की चल रही कवायद।

जिला सहकारी के केंद्रीय बैंक(मर्यादित) में वर्ष 2017 से 2023 के बीच तात्कालिक महालेखाप्रबंधक मानवेंद्र सिंह और लिपिक अनुपमा सिंह,पुस्पेंद्र बुंदेला,लेखापाल राजेश कोरी,अंजली असाटी द्वारा अपनी आईडी से बीजीएल अकाउंट से कई करोड़ की राशि अपने परिजनों और अन्य खातों में स्थानांतरित कर गबन के आरोप सामने आए है। जिसकी लिखित शिकायत उपरांत जिला महाप्रबंधक एस के कनौजिया द्वारा 18 सितंबर 2023 को पत्र क्रमांक 1153 जारी कर अमित श्रीवास्तव और इलियास खान को 7 दिवस में जांच प्रतिवेदन के लिए निर्देशित किया गया था लेकिन जांच दल के सदस्यों की मांग पर 29 जनवरी 2024 को पत्र क्रमांक 1940 जारी कर पांच सदस्यीय टीम गठित कर टीम को 17 दिवस अर्थात 16 फरवरी 24 तक जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा गया लेकिन आज दिनांक तक सब गड़बड़झाला ही चल रहा है

आरोपित अधिकारी को ही कर लिया गया जांच समिति में शामिलः- इस जांच दल में एक बड़ी लापरवाही भी सामने आई जिसमे 5 सदस्यीय जांच दल में मानवेंद्र सिंह को भी जांच दल का सदस्य बना कर जांच में लीपापोती का इंतजाम कर लिया गया लेकिन लगातार शिकायतों के बाद जांच दल से मानवेंद्र सिंह को हटाने की जानकारी सामने आई है। शिकायत के 6 माह बीत जाने के बाद भी जांच का पूर्ण न हो पाना अपने आप में जिला महाप्रबंधक की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। लगातार शिकायतों के बाद भी सरकारी राशि के गबन में फसे कर्मचारियों को बचाने की कवायद जारी है।

ऐसे समझे करोड़ों के गबन के मामले कोः- जिला सहकारी बैंक(मर्यादित) में एक डाटा रजिस्टर होता है जिसे बीजीएल अकाउंट के नाम से जाना जाता है जिसमे बैंक में आने वाली राशि और आहरित राशि (मय विवरण के)का विवरण होता है । इसमें राशि का आहरण बैंक में पदस्थ लिपिक द्वारा बाउचर भर के लेखपाल द्वारा पास कराया जाता है और राशि बाउचर के आधार पर एनईएफटी/आरटीजीएस /ट्रांसफर के माध्यम संबंधित खाते में स्थानांतरित हो जाती है जिसपर लेखा प्रबंधक द्वारा वेरिफिकेशन किया जाता है की उक्त राशि का आहरण सही जगह हुआ है या नही। इसी दौरान लिपिक,लेखापाल और लेखाप्रबंधक की मिली भगत से राशि को अपने परिचित,स्वजनों के।खाते में डाल कर गबन किया जाता है।

गबन का असली मास्टरमाइंड कौनः- सूत्रों की माने तो तात्कालिक लेखा प्रबंधक द्वारा साजिशन लिपिक और लेखापाल के साथ मिलकर लगभग कई करोड़ की हेराफेरी कर दी है लेकिन 2017 से 2023 के बीच हुआ ये गबन जमींदोज इसलिए रहा क्यू की मानवेंद्र सिंह जिले में ही महा प्रबंधक बन बैठे थे, वही सूत्रो की माने तो एक लेखापाल द्वारा बकायदा अपनी आईडी से हुए इस गबन के संबंध में एक पत्र लिखकर उस दौरान हुए इस गबन की जानकारी दी गई थी और और ये उल्लेख किया गया था की जब राशि का आहरण हुआ उस दौरान उक्त लेखापाल अवकाश पर था।अगर ऐसा था तो जांच उस समय क्यों नहीं हुई?

बीजीएल खातों से हुए इस घोटाले में जांच की कछुआ चाल चल रही है। वैसे भी सहकारिता विभाग अपने घोटालों और अनियमितताओं के लिए हमेशा सुर्खिया बटोरता रहा है अभी हाल ही में छतरपुर में समिति प्रबंधक भर्ती के मामले में सागर संयुक्त संचालक शिवेद्र पांडे पर भी घूसखोरी के संबंध में खबरे प्रकाशित हुई है। सहकारी प्रबंधन द्वारा घोटालेबाजों को रकम जमा करने के आदेश से तो यही परिलक्षित होता है की चोरी करिए उपयोग करिए उपभोग करिए और जब राज खुल जाए तो राशि जमा कर सारे पापों से मुक्त हो लीजिए।

अब तो ये हाल है की जांच जैसी चले चले लेकिन किसी भी तरह से बैंक के अंदर की जानकारी बाहर न जाए ताकि लापरवाहों को बचाया जा सके।

इनका क्या कहना हैः-

जांच चल रही है अभी जांच पूरी होने में वक्त लगेगा, और शिकायतों के आधार पर मानवेंद्र सिंह को जांच दल से हटा दिया गया है

एस के कनौजिया महाप्रबंधक जिला सहकारी बैंक मर्यादित पन्ना।

आपकी जानकारी के आधार पर मैंने जांच के लिए पत्र लिखा है और शासन से भी पत्र जा चुका है जांच होगी और दोषियों पर कार्यवाही भी होगी।

मनोज सरियाम सहकारिता विभाग पंजीयक भोपाल सहकारिता विभाग।

आप की जानकारी के आधार पर में जिला महाप्रबंधक जी से बात करके आगे की कार्यवाही के लिए निर्देशित करता हूँ।

मनोज गुप्ता एपेक्स बैंक महा प्रबंधक भोपाल।

आपकी सूचना प्राप्त हुई है जांच चल रही है एक दो दिन में जांच प्रतिवेदन मगवाता हु उसके आधार पर एफआईआर या क्या सजा का प्रावधान है तय करता हूँ क्योंकि जांच के बाद कार्यवाही तो मुझे करनी है कोई भी दोषी बक्शा नही जायेगा।

एस एस झा कोर्ट कमिश्नर सहकारिता विभाग।

आप सभी जानकारी वाट्सअप में भेज दीजिए मैं अभी व्यस्त हूं दिखवाती हूं।

दीपाली रस्तोगी प्रमुख सचिव सहकारिता विभाग मध्यप्रदेश शासन।

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