एआई से रिश्तेदार की आवाज में मदद के नाम पर की ठगी

कर्मचारी व ऑटो चालक से 1 लाख 32 हजार ठगे
पुलिस ने बैंक खाते को फ्रीज कर जांच शुरु की

इंदौर: शहर में इन दिनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक की मदद से ठगी की वारदातों का चलन बड़ गया है. साइबर अपराधी अब जनता को ठगने के लिए रिश्तेदार की आवाज में मदद मांग कर लोगों को ठग रहे है. इस तरह के मामले मल्हारगंज थाने की साइबर हेल्प डेस्क भी पहुंचे. मामले में पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए ठगों के बैंक खाते को तुरंत फ्रिज कर जांच शुरु की.मल्हारगंज थाने की साइबर हेल्प डेस्क पर शुक्रवार को जो मामले आए वह चौंकाने वाले है. ठगों ने एआई की मदद से नौकरी पेशा और आटो चालक को भी नहीं बख्शा. एक फरियादी ने पुलिस को बताया कि वह नौकरीपेशा है. उसके फोन पर शुक्रवार को अनजान नम्बर से फोन आया.

फोन करने वाले ने कहा कि अशोक भैय्या मैं आपका रिश्तेदार बोल रहा हूं. मेरे बेटे का इलाज चल रहा हैं, मगर मेरी यूपीआई आईडी किसी कारण से ब्लॉक हो गई है. मुझे मेरे बेटे का इलाज कर रहे डॉक्टर को इलाज के लिए पैसे देने हैं, तो क्या आप डॉक्टर के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर देंगे, आपकी बड़ी मेहरबानी होगी. ठग ने उन्हें पहले पांच रुपए ट्रांसफर करने के मैसेज भेजा और उन्हें विश्वास दिवाया कि पैसे सही अकाउंट में ही जाएंगी. इसके बाद एक हजार रुपए ट्रांसफर करने को कहा. जैसे ही एक हजार रुपए ट्रांसफर हुए तो ठग ने तुरंत 25 हजार और 40 हजार रुपए के दो ट्रांजेक्शन दिखा कर 97 हजार रुपए ट्रांसफर करवा लिए.

थोड़ी देर बाद फरियादी को कुछ शंका हुई तो उसने अपने बैंक आकउंट चेक किया तो उसके होश उड़ गए. उन्हें पता चला कि उनके खाते में सिर्फ पांच रुपए ही क्रेडिट हुए हैं. जबकि अन्य रकम डेबिट हुई है. इस पर फरियादी ने तुरंत बैंक को सूचना देकर थाने पहुंचे. इसी तरह की दूसरी घटना एक रिक्शा चालक के साथ हुई. रिक्शा चालक को भी अनजान नम्बर से आए फोन पर कहा गया कि मैं तुम्हारा दोस्त बोल रहा हूं, मैं अस्पताल में हूं. इलाज के लिए मुझे रुपए की जरुरत है. मैं तुम्हारे अकाउंट में रुपए ट्रांसफर करवा रहा हूं, तुम तुरंत उन्हें अस्पताल के अकाउंट में ट्रांसफर कर देना. इस पर रिक्शा चालक ने पहले 12 हजार, फिर 10 हजार और फिर 3 हजार रुपए बारी-बारी से ठग के बताए हुए अकाउंट पर ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद रिक्शा चालक ने एमपी ऑनलाइन से अपने खाते की जानकारी निकलवाई तो पता चला कि उनके खाते में सिर्फ चार सौ रुपए ही बचे हैं. रिक्शा चालक ने तुरंत थाने पहुंच कर पूरा घटनाक्रम पुलिस को बताया. दोनों ही मामलो में मल्हारगंज थाने की सायबर हेल्प डेस्क ने ठगों के बैंक खातों को फ्रिज करवा कर आरोपियों की तलाश शुरु की.

ठगों के खातों को तुरंत फ्रिज करवाया

दोनों ही मामलों में ठगों द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल कर ठगी की वारदात को अंजाम दिया है, चूंकि फरियादी ने तुरंत पुलिस की सूचना दे दी हैं, जिसके चलते पुलिस ने ठगों के बैंक खातों को फ्रिज कर जांच शुरु कर दी है.
– एडिशनल डीसीपी आलोक शर्मा जोन -01

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