युवा जननायक टंट्या मामा को अपना आदर्श बनाएं- मुख्यमंत्री डॉ. यादव
खरगोन. क्रांति सूर्य जननायक टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर 04 दिसंबर को पीजी कॉलेज खरगोन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव वर्चुअली शामिल हुए और अपना संबोधन दिया। इस अवसर पर श्रम एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल भी उपस्थित थे।
पीजी कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में विधायक श्री बालकृष्ण पाटीदार, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अनुबाई तंवर, कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती छाया जोशी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री बापूसिंह परिहार, टंट्या मामा के वंशज श्री दरियाव सिंह सिरसाटे, श्री अनोखीलाल सिरसाटे, श्री राहुल सिरसाटे, टंट्या मामा विश्वविद्यालय के कुलगरू श्री मोहनलाल कोरी, कुल सचिव श्री जीएस चौहान, पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. शैल जोशी, अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम में टंट्या मामा के परिजनों का शाल एवं श्रीफल भेंटकर सम्मान किया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने क्रांति सूर्य जननायक टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि टंट्या मामा जनजाति समाज के महान नायक थे और उन्होंने अंग्रेजों से लडक़र देश की आजादी में अपना योगदान दिया है। हमारी सरकार ने टंट्या मामा की याद में खरगोन में क्रांति सूर्य टंट्या मामा विश्वविद्यालय की स्थापना की है। इस विश्वविद्यालय में युवाओं को रोजगार देने वाले पाठ्यक्रम प्रारंभ किये गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजाति समाज के महान नायकों में भगवान बिरसा मुण्डा, रानी दुर्गावती, राजा शंकरशाह, टंट्या मामा जैसे लोग शामिल है। इन सभी नायकों का जीवन अपनी संस्कृति, गौरव और आत्मसम्मान को बनाएं रखने के लिए समर्पित रहा है। इन जन नायकों से हमें देश और आत्मसम्मान की रक्षा करने की प्रेरणा मिलती है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि टंट्या मामा का संबंध मध्यप्रदेश के निमाड़ क्षेत्र से रहा है। सभी युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर समाज के उत्थान में आगे आना चाहिए और उन्हें अपने जीवन का आदर्श बनाना चाहिए।
विधायक श्री बालकृष्ण पाटीदार ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि टंट्या मामा निमाड़ क्षेत्र के ही नहीं, बल्कि प्रदेश एवं देश के जननायक है। उन्होंने अंग्रेजों से लड़ाईयां लड़ी और गरीब आदिवासी लोगों की भलाई में अपना जीवन समर्थित किया। सभी युवाओं के लिए वे एक आदर्श है। प्रदेश सरकार ने टंट्या मामा के नाम पर खरगोन को विश्वविद्यालय की सौगात दी है। इस विश्वविद्यालय के लिए 128 एकड़ जमीन चिन्हित कर ली गई है। टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर जिले के स्कूल, कॉलेजों में भी कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें श्रद्धाजंलि दी जा रही है।
कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि टंट्या मामा ने जनजातीय समाज को शोषण से बचाने के लिए अंग्रेजों के विरूद्ध आवाज उठाई। उन्होंने आदिवासी समाज में स्वतंत्रता की चेतना जागृत की। उन्होंने जनजातीय समाज के गौरव और आत्मसम्मान को बनाएं रखने के लिए अपना बलिदान दे दिया। ऐसे महान व्यक्ति के नाम पर खरगोन में विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है। युवाओं को उनके बताएं मार्ग पर आगे बढऩा होगा।