स्क्रैप से बनाई सांची स्तूप दक्षिण द्वार की प्रतिकृति

6 दिसंबर को स्थापित होगा गीता भवन चौराहे पर द्वार
महापौर के निर्देशन में स्क्रैप टू आर्ट के तहत हो रहा निर्माण

इंदौर: नगर निगम ने शहर में लोहे के कबाड़ से कई तरह की प्रतिकृति बनाने का नवाचार शुरू किया. पिछले डेढ़ साल के दौरान शहर के कई चौराहों और बगीचों के सौंदर्यीकरण में कबाड़ से बनी कृतियां आकर्षित कर रही है. इसी क्रम में गीता भवन चौराहे पर सांची स्तूप के द्वार की प्रतिकृति लगाई जाएगी.नगर निगम के महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा पश्चिम क्षेत्र के विश्राम बाग बगीचे में आयरन स्क्रैप से बनी अयोध्या राम मंदिर की प्रतिकृति बनवाकर देश में पहचान पाई थी.

लोहे के कबाड़ से शहर के कई चौराहों पर पिछले दिनों यूरेशिया ग्रुप के प्रतिनिधि के लिए सफाईकर्मी से लेकर शेर, जिराफ जैसी आकृतियों का निर्माण कर लगाया गया था. इसी सभी जगह खूब चर्चा हुई और सफाईकर्मियों बहनों का मनोबल बढ़ा है. ऐसे नवाचार के लिए अपनी अलग पहचान बना चुके इंदौर में महापौर के निर्देश में स्क्रैप टू आर्ट के तहत गीता भवन चौराहे पर अंबेडकर प्रतिमा के पास सांची स्तूप का दक्षिण द्वार तैयार किया जा रहा है. आगामी 6 दिसंबर को शहर वासियों को देखने को मिलेगा. दरअसल सांची स्तूप का यह स्ट्रख्र शहर के गीता भवन चौराहे डॉ. भीमराव अंबेडकर प्रतिमा पर प्रवेश द्वार के तौर पर स्थापित किया जाएगा.

निम्न वस्तुओं से बनाया है स्ट्रख्र
सांची स्तूप के दक्षिण द्वार की प्रतिकृति अटाले से रेप्लिका मेटल शीट, लोहे के पाइप, मोटरसाइकल की चेन, गियर पार्ट्स, नट बोल्ट ,पुराने वाहनों के पार्ट्स ,पुरानी व्हील चेयर एवं अन्य आयरन स्क्रैप मटेरियल से बनाया जा रहा है.

किस आकार का होगा स्ट्रख्र
सांची स्तूप स्ट्रख्र 15 फ़ीट ऊँचा, 10 फ़ीट चौड़ा एवं 1.6 फ़ीट मोटा तकरीबन 1 टन लोहे के कबाड़ से बना कर तैयार किया जा रहा है

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