प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी की सरकार है, जिसने लागत पर 50% लाभ जोड़कर मिनिमम सपोर्ट प्राइज तय की है और सामने जो मित्र बैठे हैं, उन्होंने तो स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश मानने से ही इंकार कर दिया था, कहा था कि बाजार विकृत हो जाएगा।
इस सरकार ने लागत पर 50% लाभ तय करके न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया है, धान की एमएसपी जब उधर की सरकार थी, तब 1510 रुपए था, बढ़ाकर 2300 रुपए क्विंटल किया नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने किया।
ज्वार का एमएसपी 1500 रुपए प्रति क्विंटल था, उसको बढ़ाकर 3371 रुपए प्रति क्विंटल नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने किया।
बाजरा का एमएसपी 1250 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2625 रुपए प्रति क्विंटल किया तो मोदी जी की सरकार ने किया।
रागी का एमएसपी 1500 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 4290 रुपए किया तो नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने किया।
मक्का का एमएसपी 1310 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2225 रुपए प्रति क्विंटल किया तो नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने किया।
तूर का एमएसपी 4300 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 7550 रुपए प्रति क्विंटल किया तो नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने किया।
मूंग का एमएसपी 4500 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 8682 रुपए प्रति क्विंटल किया तो नरेंद्र मोदी जी सरकार ने किया।
उड़द का एमएसपी 4300 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 7600 रुपए प्रति क्विंटल किया।
मूंगफली का एमएसपी 4000 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 6783 रुपए प्रति क्विंटल।
ढाई गुना और 3 गुना एमएसपी बढ़ाया है तो नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने बढ़ाया है और जब उधर की सरकार थी, ये खरीदते नहीं थे, केवल एमएसपी घोषित करते थे, इन्होंने दलहन की खरीदी 6 लाख 29 हजार मीट्रिक टन की थी, मोदी जी की सरकार ने 1 करोड़ 71 लाख मीट्रिक टन खरीदी की है, हम खरीद भी रहे हैं, दाम भी दे रहे हैं, एमएसपी भी बढ़ा रहे हैं।