प्रधान आरक्षक को चार वर्ष का सश्रम कारावास और अर्थदण्ड

नवभारत न्यूज
रीवा, 13 अप्रैल, लोकायुक्त पुलिस ने तीन साल पूर्व प्रधान आरक्षक को 15 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था. विवेचना के उपरांत चालान विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया गया. जहां दोनो पक्ष को सुनने के बाद विशेष न्यायालय ने प्रधान आरक्षक को दोषी पाते हुए चार वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10 हजार के आर्थिक दण्ड से दंडित किया है.

लोकायुक्त रीवा में पंजीबद्ध भ्रष्टाचार के प्रकरण में विशेष न्यायालय रीवा द्वारा 13 अप्रैल 2024 को पारित निर्णय में आरोपी राजीव लोचन पांडेय प्रधान आरक्षक क्रमांक 878 थाना जनेह जिला रीवा को धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधन अधिनियम 2018 में 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10,000 के अर्थदंड से दंडित किया गया है. शिकायतकर्ता पन्नालाल कोरी एवं विमलेश कोल उर्फ मदारी के बीच हुए झगड़े में विमलेश कोल की तरफ से पक्की रिपोर्ट लिखी गई तथा शिकायतकर्ता की तरफ से कच्ची रिपोर्ट थाना जनेह में लिखी गई. आरोपी राजीव लोचन पांडेय प्रधान आरक्षक द्वारा शिकायतकर्ता पन्नालाल कोरी की तरफ से पक्का केस बनाने एवं विमलेश कुमार कोल उर्फ मदारी के द्वारा शिकायतकर्ता के विरुद्ध किए गए केस को कमजोर बनाने के एवज में 15000 रिश्वत की मांग की गई थी. जिसे 10/9/2020 को रिश्वत की राशि 15,000 रुपए लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था. विशेष न्यायालय में 14 अक्टूबर 22 को चालान प्रस्तुत किया गया था.

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