प्रयागराज,02 दिसंबर (वार्ता) पतित पावनी गंगा की विस्तीर्ण रेती पर 13 जनवरी से शुरू होने वाले दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महाकुंभ मेला की गतिविधियों को सकुशल संपन्न कराने के लिए “महाकुंभ मेला” नया अस्थाई जिला घोषित किया गया।
अर्ध कुंभ और कुंभ के मौके पर नए जिला की अधिसूचना जारी करने की परंपरा है। शासन के निर्देश पर प्रयागराज के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने रविवार देर शाम “ महाकुंभ मेला” जिला घोषित करने की अधिसूचना जारी किया। इस जिले में संपूर्ण परेड क्षेत्र के साथ ही संगम के आसपास की चार तहसीलों सदर, सोरांव, फूलपुर और करछना के 67 राजस्व गांवों को शामिल किया गया है। इस अस्थायी जिले में प्रशासन वैसे ही कार्य करेगा जैसे सामान्य जिलों में करता है।
मेला अधिकारी विजय किरण आनंद को “ महाकुंभ मेला” जिला का नया जिलाधिकारी बनाया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मजिस्ट्रेट समेत सभी विभागों के पदों पर नियुक्तियां होंगी। नए थाने और पुलिस चौकियां भी बनाई जा रही हैं।
दुनिया के कोने कोने से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं और बड़ी जनसंख्या होने के कारण यहां पूरी अलग व्यवस्था होती है। बिल्कुल नए शहर के स्थापित करने जैसा होता है। मेला अवधि के दौरान के लिए यह 76वां जनपद मान्य रहेगा। यह जिला महाकुंभ की तैयारियों से लेकर सकुशल समापन तक के लिए मान्य रहेगा।
गौरतलब है कि 13 जनवरी पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ त्रिवेणी की रेती पर तंबुओं की अस्थायी नगरी का आगाज हो रहा है। इसमें दुनिया के कोने कोने से बड़ी संख्या में पहुंचेगे। गंगा की रेती पर एक मास का कल्पवासी कल्पवास भी करेंगे। महाकुंभ के दौरान छह स्नान पर्व होंगे जिसमें तीन नागा, साधु-संतो का राजसी (शाही स्नान) शामिल है।
साल 2025 में होने वाले महाकुंभ मेले के स्नान पर्व इस प्रकार हैं। 13 जनवरी, पौष पूर्णिमा (पहला स्नान), 14 जनवरी, मकर संक्रांति (दूसरा स्नान), 29 जनवरी, मौनी अमावस्या (तीसरा स्नान),03 फ़रवरी, बसंत पंचमी (चौथा स्नान), 12 फरवरी, माघ पूर्णिमा (पांचवा स्नान),26 फ़रवरी, महाशिवरात्रि (आखिरी शाही स्नान) । इसमें 14 जनवरी मकर संक्रांति , 29 जनवरी मौनी अमावस्या और 03 फरवरी बसंत पंचमी को शाही स्नान होगा।