मुंबई 01 दिसंबर (वार्ता) विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर नीचे भाव पर हुई जबरदस्त लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह करीब एक प्रतिशत मजबूत रहे घरेलू शेयर बाजार की अगले सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के निर्णयों पर नजर रहेगी।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 685.68 अंक अर्थात 0.86 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 79802.79 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 223.85 अंक यानी 0.94 प्रतिशत की तेजी के साथ 24131.10 अंक हो गया।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों के मुकाबले मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में अधिक लिवाली हुई। इससे मिडकैप 1041.63 अंक अर्थात 2.31 प्रतिशत उछलकर सप्ताहांत पर 46070.85 अंक और स्मॉलकैप 2586.93 अंक यानी 4.91 प्रतिशत की मजबूती के साथ 55199.86 अंक पर बंद हुआ।
विश्लेषकों के अनुसार, भू-राजनीतिक तनाव में कमी, वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही में सरकारी खर्च में स्थिरता की उम्मीद और एमएससीआई के संतुलित होने से बाजार में हाल के करेक्शन के बाद बीते सप्ताह कुछ राहत देखी गई। यह तेजी व्यापक थी जबकि पूंजीगत व्यय से जुड़े क्षेत्रों जैसे कि बुनियादी ढांचा, पूंजीगत उत्पाद और औद्योगिक क्षेत्रों ने नए ऑर्डर प्रवाह में तेजी की उम्मीद में बेहतर प्रदर्शन किया।
मध्य-पश्चिम में तनाव कम होने की उम्मीद में सप्ताह के दौरान ब्रेंट क्रूड की कीमत में चार प्रतिशत की गिरावट आई। तेल की कीमतों में नरमी आने वाली तिमाहियों में भारतीय कंपनियों के परिचालन मापदंडों में सहायक बनी रहेगी।
अच्छे मानसून, त्योहार और विवाह सीजन के कारण दूसरी छमाही की आय की संभावनाएं सकारात्मक रहने का अनुमान है। इससे चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनियों की आय में गिरावट का प्रभाव कम हो सकता है। निवेशकों का ध्यान अमेरिका और यूरोजोन के मुद्रास्फीति संकेतकों पर भी है, जो केंद्रीय बैंकों की दिसंबर में नीति दरों को प्रभावित करेंगे। बाजार में स्थिरता अगले सप्ताह आने वाले आर्थिक आंकड़ों की स्थिरता पर निर्भर करेगी। हालांकि वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के घटकर 5.4 प्रतिशत पर रहने से बाजार पर कुछ असर पड़ने की आशंका है।
दूसरी ओर, निवेशकों की अगले सप्ताह 04-06 दिसंबर को आरबीआई की मौद्रिक नीति पर होने वाली समीक्षा बैठक पर नजर रहेगी। हालांकि इस बैठक में भी नीतिगत दरों के यथावत रहने की संभावना है लेकिन चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में धीमी वृद्धि के कारण फरवरी में ब्याज दरों में कटौती की संभावना अधिक है। अगले सेवा और विनिर्माण पीएमआई, वाहन बिक्री और अमेरिकी रोजगार के आंकड़े जैसे अन्य आर्थिक संकेतक पर भी निवेशकों की नजर रहेगी।
बीते सप्ताह बाजार में तीन दिन तेजी जबकि दो दिन गिरावट रही। विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाले महायुति गठबंधन की प्रचंड जीत से उत्साहित निवेशकों की चौतरफा लिवाली की बदौलत सोमवार को सेंसेक्स 992.74 अंक की तेजी के साथ 80,109.85 अंक और निफ्टी 314.65 अंक मजबूत होकर 24,221.90 अंक पर बंद हुआ।
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आयात पर टैरिफ लगाने के वादे से विश्व बाजार के नकारात्मक रुझान से हतोत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर यूटिलिटीज, ऑटो, तेल एवं गैस और पावर समेत बारह समूहों में हुई बिकवाली से मंगलवार को सेंसेक्स 105.79 अंक की गिरावट लेकर 80,004.06 और निफ्टी 27.40 अंक फिसलकर 24,194.50 अंक रह गया।
अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) के अडानी समूह के निदेशकों गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और वरिष्ठ अधिकारी विनीत जैन पर अमेरिकी न्याय विभाग (डीओजे) के कोई रिश्वतखोरी का आरोप नहीं होने के स्पष्टीकरण के बाद यूटिलिटीज, पावर, सर्विसेज, इंडस्ट्रियल्स और दूरसंचार समेत अठारह समूहों में हुई लिवाली की बदौलत बुधवार को सेंसेक्स 230.02 अंक उछलकर 80,234.08 अंक और निफ्टी 80.40 अंक चढ़कर 24,274.90 अंक पर पहुंच गया।
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों और महंगाई आंकड़ों से फेड रिजर्व के ब्याज दर में कटौती को लेकर जारी अनिश्चितता से हताश निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा बिकवाली के दबाव में गुरुवार को सेंसेक्स 1190.34 अंक का गोता लगाकर 79,043.74 अंक और निफ्टी 360.75 अंक लुढ़ककर 23,914.15 अंक पर बंद हुआ। विश्व बाजार के मिलजुल रुख के बीच स्थानीय स्तर पर नीचे भाव पर हुई चौतरफा लिवाली की बदौलत शुक्रवार को सेंसेक्स 759.05 अंक उछलकर 79,802.79 अंक और निफ्टी 216.95 अंक के तेजी के साथ 24,131.10 अंक हो गया।