ग्वालियर: अलापुर पहाड़ी पर सिटी फोरेस्ट विकसित कर हरीतिमा की चादर ओढ़ाई जा रही है। इसे “हरि पर्वत” नाम दिया गया है। “हरि पर्वत” के एक हिस्से में विकसित किए जा रहे मनोरम “हरि आनंद वन” में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति श्री जितेन्द्र कुमार माहेश्वरी एवं मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री सुरेश कुमार कैत ने पौधे रोपकर ग्वालियर की इस सिटी फोरेस्ट परियोजना का शुभारंभ किया। न्यायमूर्ति श्री माहेश्वरी ने यलो फायकल प्रजाति एवं प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश श्री कैत ने कचनार का पौधा रोपा।
इस अवसर पर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति श्री जितेन्द्र कुमार माहेश्वरी ने शहरवासियों से आह्वान किया कि वे श्रमदान कर इस अच्छे मिशन से जुड़ें। इसी प्रकार के रचनात्मक कार्यों से वास्तविक विकास होता है। उन्होंने कहा विकास के लिये केवल सरकार पर निर्भर न रहें, सरकार आपको विकास के अवसर मुहैया कराती है, लेकिन उन्हें हासिल करने के प्रयास स्वयं करने होते हैं। न्यायमूर्ति श्री माहेश्वरी ने कहा कि पथरीला इलाका होने से ग्वालियर का तापमान ज्यादा रहता है।
तापमान को कम करने के लिये वनीकरण से अच्छा कोई उपाय नहीं है। खुशी की बात है कि इस दिशा में “हरि पर्वत” के रूप में अर्बन वन विकसित करने का काम हाथ में लिया गया है। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री सुरेश कुमार कैत ने इस अवसर पर आह्वान किया कि वैवाहिक वर्षगांठ, जन्मदिन, तीज-त्यौहार एवं अपने पूर्वजों की स्मृति में शहरवासी “हरि पर्वत” पर पौधे रोपें। इससे शहर में हरीतिमा बढ़ेगी और पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा।
उच्च न्यायालय ग्वालियर के प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री आनंद पाठक ने कहा कि “हरि पर्वत” पर आज एक पौधरोपण भर नहीं है, अपितु रचनात्मक विचार का अंकुरण है। उन्होंने भरोसा जताया कि सभी के साझा प्रयासों से यह विचार निश्चित ही पल्लवित व पुष्पित होगा। न्यायमूर्ति श्री पाठक ने अन्य पहाड़ियों पर भी इसी तरह अर्बन वन विकसित कर हरा भरा करने का आह्वान भी किया।इस अवसर पर कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने बताया कि न्यायमूर्ति श्री आनंद पाठक की पहल से प्रेरित होकर प्रदेश सरकार की सिटी फॉरेस्ट योजना के तहत गत 7 नवम्बर को अलापुर पहाड़ी को अर्बन वन के लिये तैयार करने का काम शुरू किया गया था।