यादव ने म्यूनिख में फ्रेंड्स ऑफ एमपी से किया संवाद

भोपाल, 29 नवम्बर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जर्मनी के म्यूनिख शहर में गुरुवार रात भारतीय प्रवासी समुदाय फ्रेंड्स ऑफ एमपी के साथ एक अनूठा संवाद किया। भाषणों और औपचारिकताओं को पीछे छोड़ते हुए, उन्होंने सहज, दोस्ताना और सारगर्भित चर्चा के माध्यम से सभी को भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं से जोड़ा। भारतीय संस्कृति के अनुरूप प्रारंभ हुए कार्यक्रम ने डायस्पोरा के प्रत्येक सदस्य को देशभक्ति और देशप्रेम से सराबोर कर दिया।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी विशेषता उसका समावेशी और सकारात्मक दृष्टिकोण है। उन्होंने इसे इस तरह परिभाषित किया कि भारत में ‘परेशानी में आनंद ढूंढने की कला’ और ‘सभी को साथ लेकर चलने की परंपरा’ है। मुख्यमंत्री ने जर्मनी को भारत का करीबी बताते हुए कहा कि जर्मनी भी सत्य, संस्कृति और ज्ञान का सारथी है। यही कारण है कि दोनों देशों के विचार और मूल्य एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।

कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता की तस्वीर पर माल्यार्पण और राष्ट्रगान के साथ हुई। तिरंगे झंडे के सम्मान और दीप प्रज्ज्वलन से समारोह के शुभारंभ में भारतीय संस्कृति की झलक हर कोने में दिखाई दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 2 लाख से अधिक भारतीय प्रवासियों और 35 हजार से अधिक भारतीय छात्रों की उपलब्धियों पर गर्व जताया, जो जर्मनी में शिक्षा और कौशल के क्षेत्र में उत्कृष्टता की मिसाल कायम कर रहे हैं।

डॉ. यादव ने डायस्पोरा के साथ रात्रि भोज के दौरान खुलकर आत्मीयता से संवाद किया। उन्होंने अपने विचार साझा करते हुए भारतीय समुदाय को प्रोत्साहित किया कि वे जर्मनी में रहते हुए भी अपनी जड़ों से जुड़े रहें। यह आयोजन भारतीयता के गौरव, परंपरा और आधुनिकता के समन्वय का प्रतीक बना।

डॉ. मोहन यादव के इस विशेष प्रयास ने फ्रेंड्स ऑफ एमपी के मंच को केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि एक आत्मीय और प्रेरक अनुभव में बदल दिया, जहां भारतीय प्रवासियों को अपनी संस्कृति और मूल्यों से फिर से जुड़ने का अवसर मिला।

डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में जर्मनी दौरे पर गई इन्वेस्ट मध्यप्रदेश प्रतिनिधिमंडल ने वहां की शीर्ष कंपनियों से साझेदारी के लिए बातचीत की। उन्होंने म्यूनिख के समीप ब्रुन्थल स्थित एसएफसी एनर्जी कंपनी का दौरा कर उसकी विशेषताओं को जाना। यह कम्पनी डायरेक्ट मेथनॉल और हाइड्रोजन फ्यूल सेल निर्माण में अग्रणी कंपनी है। एसएफसी एनर्जी के सीईओ डॉ. पीटर पोडेसर ने कंपनी की प्रमुख तकनीक पर विस्तार से जानकारी दी और स्वच्छ ऊर्जा समाधानों के क्षेत्र में उनके नवाचारों से अवगत कराया। इस दौरान, स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को मध्यप्रदेश में लागू करने और नवकरणीय ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए संभावनाओं पर गहन चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बर्लोकर समूह के साथ एक औपचारिक बैठक भी की। बर्लोकर, जो प्लास्टिक एडिटिव्स के क्षेत्र में अग्रणी जर्मन कंपनी है, वर्ष 2001 से मध्यप्रदेश के देवास में अपनी इकाई संचालित कर रही है। इस कंपनी ने प्रदेश में अब तक 400 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश किया है और 300 से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया है। बैठक में बर्लोकर के विस्तार की संभावनाओं, नवीन तकनीकों के उपयोग और पर्यावरण-अनुकूल प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर विचार-विमर्श हुआ। यह सहयोग न केवल मध्यप्रदेश के प्लास्टिक उद्योग को उच्च गुणवत्ता वाले एडिटिव्स से समृद्ध करेगा, बल्कि रोजगार के अवसरों और औद्योगिक विकास को भी गति देगा।

डॉ. मोहन यादव ने इस दौरे को प्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जर्मनी के साथ साझेदारी से मध्यप्रदेश को हरित ऊर्जा और नवीनतम तकनीकों के क्षेत्र में नई उपलब्धियां हासिल होंगी। यह दौरा प्रदेश में ‘उद्योग वर्ष 2025’ के लक्ष्यों को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

 

 

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