
नयी दिल्ली, 29 नवंबर (वार्ता) चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर-2024) में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) सालाना आधार पर वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत रह गई। यह पहली तिमाही (अप्रैल-जून,24) के साथ-साथ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुमान से कम है।
भारतीय अर्थव्यवस्था ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6.7 प्रतिशत और पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी। आरबीआई ने वृद्धि दर का अनुमान सात प्रतिशत के दायरे में रखा है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने शुक्रवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा, “वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में वास्तविक जीडीपी (स्थिर मूल्यों पर) 44.10 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि 2023-24 की दूसरी तिमाही में यह 41.86 लाख करोड़ रुपये थी, जो 5.4 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाता है।”
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में वास्तविक सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में 5.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में यह 7.7 प्रतिशत थी।