नयी दिल्ली, 29 नवंबर (वार्ता) पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डोनर) पूर्वोत्तर क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए आगामी अप्रैल-मई तक राजधानी में पूर्वोत्तर निवेश शिखर सम्मेलन का आयोजन करने की तैयारी में हैं और इसके लिए रोड शो में निवेशकों के साथ अब तक 9500 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापान (एमओयू) हो चुके हैं। यह जानकारी शुक्रवार को यहां पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन में दी ।
डोनर मंत्रालय द्वारा यहां भारत मंडपम में छह-आठ दिसंबर तक आयोजित किए जा रहे सांस्कृतिक एवं व्यावसायिक सम्मेलन एवं प्रदर्शनी- अष्टलक्षमी महोत्सव-2024 की जानकारी देने के लिए आयोजित संवाददाता सम्ममेलन में श्री सिंधिया ने कहा कि “पूर्वोत्तर में प्रकृति और प्रतिभा का जो समन्वय और संगम है वह दुनिया में कहीं भी नहीं है और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार पूर्वोत्तर को विकास का बड़ा इंजन बनाने में लगी है।”
उल्लेखनीय है कि श्री मोदी ने सिक्किम सहित पूर्वोत्तर क्षेत्र के आठ राज्यों को ‘अष्टलक्ष्मी’ की संज्ञा दी है।
श्री सिंधिया ने बताया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र निवेश सम्मेलन के लिए देश में हैदराबाद और बेंगलुरु आदि जगहों पर निवेशकों के लिए रोड शो आयोजित किए गए हैं। अगला रोड शो मुंबई में आयोजित करने की तैयारी है। संवादाता सम्मेलन में श्री सिंधिया के सहयोगी राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार और विभाग के सचिव श्री चंचल कुमार भी थे।
श्री सिंधिया ने कहा, “इन रोड शो में पूर्वोत्तर के विभिन्न राज्यों में निवेश के लिए कंपनियों द्वारा कुल 9500 करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं तथा कुल 18000 करोड़ रुपए के निवेश के आशय पत्रों पर हस्ताक्षर हुए हैं।”
श्री सिंधिया ने कहा, “हम पूर्वोत्तर क्षेत्र निवेश सम्मेलन के लिए विदेशों में भी रोड शो करने की संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पूर्वोत्तर के राज्यों के देश की आर्थिक वृद्धि के एक बड़े इंजन के रूप में विकसित करना चाहती है और वहा बनियादी, पर्यटन सुविधा, सम्पर्क एवं सामाजिक ढांचे के विकास के लिए इस सरकार ने अभूतर्पू काम कराए हैं।
उन्होंने कहा कि पूर्वात्तर में हैंडलूम, हस्तशिल्प, वानिकी उत्पाद,पर्यटन और अन्य उद्योगों की विशाल संभावना है। मंत्रालय ने क्षेत्र के हर राज्य की औद्योगिक संभावनाओं के दोहन पर सिफारिश के लिए पांच कार्यबल गठित किए हैं।
मंत्रालय पूर्वोत्तर क्षेत्र में उद्योग धंधों के लिए कर्ज और व्यक्तिगत खरीद के लिए कर्ज का प्रवाह बढ़ाने के उद्येश्य से वहां एक बैंकर्स मीट (बैंकों का सम्मेलन) कराने जा रहा है।