वादग्रस्त भूमि में तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप पर रोक

ग्राम सगड़ा में नर्मदा तटीय भूमि का मामला

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने नर्मदा तटीय ग्राम सगड़ा की वादग्रस्त भूमि पर तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप पर अपने अंतरिम आदेश से रोक लगा दी है। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने मामले में अनावेदक पक्ष को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये है। एकलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी 2025 को निर्धारित की है।

यह मामला जबलपुर निवासी चेतन शर्मा की ओर से दायर किया गया है। जिसमें कहा गया कि वादग्रस्त भूमि का तीन वर्ष की समयावधि के लिए एक करोड़ 64 लाख रुपये में याचिकाकर्ता से अनुबंध किया गया था। किंतु बाद में वही जमीन ढाई करोड़ रुपये में तीसरे पक्ष को विक्रय कर दी गई, जिस पर यह याचिका दायर की गई है। जिसमें मांग की गई कि ग्राम सगड़ा के खसरा क्रमांक- 74 के रकवा 0.4900 हेक्टेयर भूमि पर तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप प्रतिबंधित कर दिया जाए। याचिकाकर्ता ने 26 फरवरीए 2021 को सुशीला दुबे पति आरआर दुबे के साथ अनुबंध किया था। जब अनुबंध की शर्त का पालन नहीं हुआ तो भूमि स्वामी को पंजीकृत सूचना पत्र भेजा गया। इसके बावजूद उसने अधिक लाभ लेने के लालच में गढा जबलपुर के बिल्डर आयुशी कंस्ट्रक्शन पार्टनर सतेन्द्र यादव को उपरोक्त इकरारित भूमि बेच दी। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने उक्त अंतरिम आदेश देते हुए जवाब तलब किया है।

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