नयी दिल्ली 25 नवम्बर (वार्ता) कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने सोमवार को राज्यसभा में सभी विधायी कामकाज रोककर उद्योगपति गौतम अडानी से जुड़े कथित रिश्वत मामले पर चर्चा कराने की मांग की लेकिन सभापति ने इसे नामंजूर कर दिया जिसे लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले 15 मिनट के लिए पौने बारह बजे तक और फिर दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी।
पन्द्रह मिनट के स्थगन के बाद पौने बारह बजे जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्होंने हमेशा नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को उचित सम्मान दिया है लेकिन उन्हें श्री खरगे के बयान से ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा कि श्री खरगे ने अपने कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस में सदन का सभी विधायी कामकाज रोककर एक विषय पर चर्चा कराने की मांग की है।
सभापति ने कहा कि इससे इस सदन का राष्ट्रहित का उद्देश्य पूरा नहीं होता इसलिए इसे मंजूर नहीं किया गया है। उन्होंने सदस्यों से सदन में शांतिपूर्ण ढंग से सामान्य कामकाज चलने देने की अपील की। कांग्रेस के सदस्यों ने कहा कि नेता विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए और वे अपनी जगह पर खड़े होकर कुछ बोलने लगे। सभापति ने सदस्यों पर उनकी अपील का असर ने होते देख सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
सदन में जब सभापति ने इस बात का उल्लेख किया कि देश संविधान को अंगीकार किये जाने के 75 वर्ष पूरा कर रहा है इसलिए ऐसे मौके पर रचनात्मक चर्चा कर सदन में देश की प्रगति और विकास से संबंधित मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। श्री खरगे ने कहा कि उन्हें इस बारे में नहीं बताया जाना चाहिए क्योंकि इन 75 वर्षों में उनका भी 54 वर्ष का योगदान है।
इससे पहले श्री खरगे ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विधायी कामकाज की शुरूआत करते हुए कहा कि 13 सदस्यों ने गौतम अडानी से जुड़े कथित रिश्वत मामले और आपदा से प्रभावित वायनाड़ को वित्तीय सहायता देने सहित विभिन्न विषयों पर नियम 267 के तहत कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस दिये हैं। इनमें नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का अडानी मामले से संबंधित नोटिस भी शामिल है। उन्होंने कहा कि वह 8 दिसम्बर 2022 को पहले ही नियम 267 के संबंध में विस्तार से टिप्पणी कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि ये नोटिस नियमों के अनुरूप नहीं हैं और इन्हें स्वीकार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि हम संविधान के अंगीकार किये जाने के 75 वर्ष मनाने जा रहे हैं । हमें रचनात्मक कार्य कर लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करना है।
श्री खरगे ने कहा कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है । यदि आप विधायी कामकाज को रोकते हैं तो हम सदन को इस बारे में वास्तविकता की जानकारी देंगे। जब उन्होंने इस मामले पर बोलना शुरू किया तो सभापति ने कहा कि नेता विपक्ष की बात रिकार्ड में दर्ज नहीं की जायेगी।
कांग्रेस के सदस्यों ने इसका कड़ा विरोध किया और वे अपनी जगह पर खड़े होकर शोर गुल करने लगे। सभापति ने सदन में अव्यवस्था का माहौल देखते हुए सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए पौने बारह बजे तक स्थगित कर दी।