बाकू, 24 नवंबर (वार्ता) संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन के 29 वें सम्मेलन (सीओपी29) में विकासशील देशों को जलवायु आपदा से लड़ने के लिए सार्वजनिक वित्त को तीन गुना करने पर सहमति बनी है।
यह सम्मेलन रविवार को यहां अज़रबैजान की राजधानी बाकू में समाप्त हुआ।
इस समझौते के तहत, विकसित देश 2035 तक विकासशील देशों को हर साल 300 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे। यह सहायता जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली आपदाओं से निपटने में मदद करेगी।सम्मेलन के समापन सत्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन के कार्यकारी सचिव साइमन स्टिल ने कहा कि देश सार्वजनिक और निजी स्रोतों से विकासशील देशों को वर्ष 2035 तक 1.3 खरब अमेरिकी डॉलर की राशि तक वित्त बढ़ाने को लेकर मिलकर काम करने के लिए सभी कलाकारों के प्रयासों को सुनिश्चित करेंगे।
श्री स्टेल ने कहा, “हर देश में जलवायु के बिगड़ते प्रभावों के बीच, यह नया वित्त लक्ष्य मानवता के लिए एक बीमा पॉलिसी है। लेकिन किसी भी बीमा पॉलिसी की तरह, यह केवल तभी काम करती है जब प्रीमियम का पूरा और समय पर भुगतान किया जाता है। अरबों लोगों की सुरक्षा के वादे पूरे किए जाने चाहिए।”
यह स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ाता रहेगा, जिससे सभी देशों को इसके विशाल लाभों को साझा करने में मदद मिलेगी साथ ही अधिक नौकरियां, मजबूत विकास, सभी के लिए सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी को उम्मीद है कि 2024 में पहली बार वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा निवेश दो खरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो जाएगा।
श्री स्टेल ने कहा, ”सीओपी29 में दो जी20 देशों-यूके और ब्राजील ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया कि वे अपने एनडीसी 3.0 में जलवायु कार्रवाई को तेज करने की योजना बना रहे हैं, क्योंकि वे पूरी तरह से अपनी अर्थव्यवस्थाओं और लोगों के हित में हैं।”