अंबेडकर जयंती पर होगे रिहा, एक कैदी की अपील हाईकोर्ट में लंबित
नवभारत न्यूज
रीवा, 12 अप्रैल, अंबेडकर जयंती पर 14 अप्रैल को केंद्रीय जेल से 13 कैदियों को रिहा किए जाने का प्रस्ताव केन्द्रीय जेल द्वारा मुख्यालय को भेजा गया था जिसमें से 12 कैदियों को कल जेल नियमों के तहत आजाद किया जाएगा. जबकि एक बंदी को स्वीकृति नहीं मिल पाई है. जिसकी अपील हाईकोर्ट में लंबित है. समझाइश के बाद भी उसके द्वारा अपील को वापस नहीं लिया गया. बताया गया है कि गंगा प्रसाद पिता महतो निवासी उमरिया 302 के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है जो शासकीय कर्मचारी भी था. अपने अधिवक्ता की सलाह के अनुसार अब वह शासन से मिलने वाली जेल सजा की रिहाई नहीं लेना चाह रहा है. ऐसे में 12 कैदियों को ही अम्बेडकर जयंती पर रिहा किए जाने की मंजूरी दी गई है. अंबेडकर जयंती पर इस बार आजीवन कारावास की सजा से दंडित उन कैदियों को जेल से रिहा किया जा रहा है, जिन्होंने सूखी सजा के 14 साल और माफी मिला कर 20 साल का कारावास भुगत लिया है. बताया गया है कि डकैती, दुष्कृत्य, देशद्रोह, एनडीपीएस, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने सहित गंभीर धाराओं में सजा पाए कैदियों को रिहाई से मुक्त रखा गया है. सूत्रों के अनुसार अंबेडकर जयंती पर कैदियों की रिहाई के लिए राज्य शासन ने जो मापदंड निर्धारित किए थे, उसमें अंतर्गत 13 कैदी आ रहे हैं. जिन कैदियों की रिहाई की सूची जेल मुख्यालय को भेजी गई थी, उसमें से एक कैदी ही जमानत की अपील हाईकोर्ट में लंबित है. यदि कैदी जमानत की अपील वापस नहीं लेता तो उसकी अंबेडकर जयंती पर उसकी रिहाई अटक सकती है. सूची में शामिल शेष 12 कैदियों की जमानत की अपील हाईकोर्ट में लंबित नहीं है. ऐसे में जेल मुख्यालय द्वारा स्वीकृति नहीं दी गई है.
12 कैदियों को रिहा करने की स्वीकृति मिली: अधीक्षक जेल
इस संबंध में एसके उपाध्याय अधीक्षक केंद्रीय जेल रीवा ने बताया कि अम्बेडकर जयंती के अवसर पर अच्छे चाल चलन वाले आजीवन कारावास की सजा काट रहे 12 कैदियों को रिहा किए जाने की स्वीकृति जेल मुख्यालय से मिल गई है. जबकि एक कैदी का मामला न्यायालय में चल रही अपील की वजह से अटक गया है.