जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष त्रियुगी नारायण शुक्ल ने दिया इस्तीफा

दो बार सेमरिया से लड़ चुके है चुनाव, पार्टी में कार्यकर्ताओं की कोई सुनवाई नही, बड़े नेताओं पर लगायाअ आरोप
नवभारत न्यूज
रीवा, 1 अप्रैल, जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष एवं सेमरिया विधानसभा क्षेत्र से दो बार चुनाव लड़ चुके त्रियुगी नारायण शुक्ल भगत ने आखिरकार कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उनके साथ पदाधिकारी एवं सैकड़ो समर्थको ने भी इस्तीफा दिया है. कांग्रेस छोडक़र भाजपा का दामन थामेगें या फिर बाहर रहकर कांग्रेस का विरोध करेगे. श्री शुक्ल ने कहा कि मैं अभी किसी पार्टी में नही जा रहा हूं.

पत्रकारवार्ता में त्रियुगी नारायण शुक्ल अपना दर्द बया करते हुए कहा कि मैने पूरी ईमानदारी से पिछले 40 वर्ष से कांग्रेस पार्टी की सेवा की. ब्लाक अध्यक्ष से लेकर जिला अध्यक्ष तक की जिम्मेदारी सम्भाली. पार्टी के हित के लिये अपना समय धन खर्च किया. कई बार विरोधी दल के लोगो ने मुझे भय, लालच, पद आदि देकर पार्टी छोडऩे का दबाव बनाया. लेकिन मेरी निष्ठा हमेशा कांगे्रस मे रही है पर आज दुखी मन से मुझे इस्तीफा देना पड़ रहा है. श्री शुक्ल ने प्रदेश नेतृत्व पर कई आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश अध्यक्ष से लेकर प्रभारी तक फोन नही उठाते. किसी ने मेरे से बात नही की, बड़े नेताओं को बात करने का समय नही है. हमारे जैसे सच्चे और पुराने कार्यकर्ता आज पीडि़त है. श्री शुक्ल ने कहा कि अध्यक्ष रहते हुए मैने पूरे जिले के अन्दर संगठन को खड़ा किया. 2014 बूथ कमेटियों का गठन किया, जिले गांव-गांव पहुंचकर कांग्रेस की बात रखी. लेकिन आज कांग्रेस को मेरी जरूरत नही है. उन्होने सवाल उठाते हुए कहा कि आज रीवा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष द्वय डा0 गोविंद सिंह एवं अजय सिंह राहुल है, लेकिन मुझसे बात तक करना उचित नही समझा. जिस पार्टी में कोई सुनवाई न हो, वहां रहने की कोई जरूरत नही. श्री शुक्ल के साथ विभिन्न कांग्रेस पदाधिकारियों एवं समर्थको ने अपना इस्तीफा दिया.

लोकसभा टिकट को लेकर नाराजगी

त्रियुगी नारायण शुक्ल की नाराजगी लोकसभा टिकट को लेकर है. उन्होने कहा कि आज पार्टी मूल सिद्धांत से भटक गई है. केन्द्र एवं प्रदेश में बैठे बड़े नेताओं ने रीवा जिले को प्रयोग शाला बना दिया है. पैसे में टिकट देकर प्रत्याशी उतारे जा रहे है. श्री शुक्ल ने आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी अड़ानी-अंबानी का विरोध करते है, लेकिन प्रदेश के नेताओं द्वारा पूंजीपतियों को पैसे लेकर टिकट दिया जा रहा है. कार्यकर्ताओं का कोई महत्व नही है जो वर्षो से दरी बिछाते चले आ रहे है. वर्षो से जिन नेताओं ने कांग्रेस की सेवा की उन्हे दरकिनार कर दिया गया. उन्होने कहा कि मेरे साथ सभी कांग्रेसी चाहते थे कि किसी पुराने कार्यकर्ताओ को टिकट दे दिया जाय, जो कांग्रेस के लिये वर्षो से काम कर रहे है. भाजपा से आने वाले को कांग्रेस प्रत्याशी बना दिया गया. दिल्ली में बैठे बड़े नेताओं ने ऐसे व्यक्ति को टिकट मात्र इस लिये दे दिया कि उनके पास पैसा है. अगर महिला को ही टिकट देना था तो कई महिला कार्यकर्ता पार्टी में है जो वर्षो से सेवा कर रही है, उनको भी टिकट मिल सकता था. लेकिन पार्टी ने भाजपा से आये व्यक्ति को टिकट देकर प्रत्याशी बनाया है. जो पहले कभी कांग्रेस पार्टी का नाम भी नही लिया.

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