ग्वालियर: एक दौरन ऐसा भी रहा है जब गोपाचल पर्व से पत्थर लुढ़कते हुये नीचे की तरफ आते थे तो उसमें भी संगीत खनक सुनाई देती थी। सदियों पुरानी शास्त्रीय संगीत परंपरा की धरोहर रही है यह शहर इस वर्ष तानसेन समारोह के शताब्दी वर्ष के उत्सव में सराबोर रहेगा। यूनेस्को द्वारा सिटी आफ म्यूजिक के रूप में घोषित ग्वालियर में 15 से 19 दिसम्बर के बीच संगीत सम्राट तानसेन की स्मृति में तानसेन समारोह मनाया जायेगा। 15 दिसम्बर को समारोह का शुभारंभ मध्यप्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव करेंगे।
प्रमुख सचिव पर्यटन व संस्कृति विभाग शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि, संगीत सम्राट तानसेन का अखिल भारतीय शताब्दी समारोह गमक के साथ 14 दिसंबर को शुरू होगा। तानसेन समारोह में संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली विभूतियों को अलंकृत किया जाएगा। वर्ष-2023 का राष्ट्रीय तानसेन अलंकरण 18 दिसंबर की शाम कोलकाता के तबला वादक पं. स्वपन चौधरी को दिया जाएगा। तो वहीं वर्ष-2023 का राजा मानसिंह तोमर अलंकरण से इंदौर की सानंद संस्था को दिया जाएगा। संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित किए जाने वाला यह समारोह ग्वालियर के अलावा मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों और देश के विभिन्न राज्यों में भी आयोजित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश पर्यटन के सहयोग से आयोजन में आने वाले संगीत प्रेमियों एवं पर्यटकों के लिए सिटी टूर, हेरिटेज वॉक सहित अन्य गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
आपको बता दें कि तानसेन समारोह संगीतधानी ग्वालियर में हर वर्ष आयोजित किया जाता है। बेहट गांव संगीत सम्राट तानसेन का जन्मस्थान है। सदियों से बह रही झिलमिल नदी के किनारे होने वाला यह समारोह शासत्रीय संगीत की मधुर तान, पक्षियों का मधुरमंद कलरव और नदी में बहते पानी की आवाज का मधुर रस एक अनूठी आध्यात्मिक अनुभूति का अहसास कराता है। शताब्दी के वर्ष के मुख्य समारोह में देश के 150 ख्यातिलब्ध कलाकार के अलावा विश्व संगीत कार्यक्रम अंतर्गत 10 विदेशी कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे और साथ ही 550 से अधिक दुर्लभ वाद्ययंत्रों का प्रदर्शन एक प्रमुख आकर्षण होगा। यह प्रदर्शनी तानसेन समाधि परिसर में लगाई जायेगी।