नयी दिल्ली, 20 नवंबर (वार्ता) बाजार अनुसंधान और रेटिंग फर्म ‘इक्रा’ का अनुमान है कि देश के कुछ इलाकों में भारी बारिश और कंपनियों का लाभ का अनुपात हल्का होने जैसे कारकों के चलते कारण चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2024-25) में देश के सकल घरे उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 6.5 प्रतिशत तक ही रहेगी।
इक्रा ने पूरे चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वद्धि के अनुमान को सात प्रतिशत रखा है।
इक्रा का बुधवार को जारी यह अनुमान सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा इसी माह जारी किए जाने वाले आधिकारिक अनुमाने से ठीक पहले आया है। सितंबर तिमाही के लिए जीडीपी के आधिकारिक अनुमान 29 नवंबर को जारी किए जाने हैं।
इक्रा ने एक विज्ञप्ति में कहा कि दूसरी तिमाही में सरकारी खर्च और खरीफ की बुवाई ने रुझान उत्साहजनक रहे हैं पर औद्योगिक क्षेत्र, विशेष रूप से खनन और बिजली क्षेत्र में नरमी की संभावना है। इक्रा ने कहा है कहा कि इन चुनौतियों के बावजूद सेवा क्षेत्र में सुधार का अनुमान है,और आखिरी महीनों में गतिविधियों के जोर पकड़ने की संभावना है जिससे पूरे साल की जीडीपी वृद्धि सात प्रतिशत तक जा सकती है।
इक्रा की विज्ञप्ति में कहा गया है,“हालांकि, व्यक्तिगत ऋण वृद्धि में मंदी और भू-राजनीतिक अनिश्चितता जैसे जोखिम बने हुए हैं।”