कीव 20 नवंबर (वार्ता) यूक्रेन ने रूस के साथ करीब एक हजार दिनों से चल संघर्ष में अमेरिकन मिसाइलों के बाद अब ब्रिटेन की ‘स्टॉर्म शैडो’ मिसाइल दागी है।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती की खबरों के बीच ‘स्टॉर्म शैडो’ मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया है। सैन्य मामलों के जानकार इसे एक अहम कदम के रूप में देख रहे है। बताया गया है कि स्टॉर्म शैडो का मलबा यूक्रेन के उत्तर में रूस के कुर्स्क क्षेत्र में पाया गया।
इस मामले से परिचित एक अधिकारी ने कहा कि यूक्रेन के सशस्त्र बलों ने पहली बार रूस के अंदर सैन्य ठिकानों पर ब्रिटिश क्रूज मिसाइलें दागी हैं, जिससे एक हजार दिनों से चल रहा संघर्ष एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है।
बताया जाता है कि रूस द्वारा यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में उत्तर कोरियाई सैनिकों को तैनात करने के जवाब में ब्रिटेन ने स्टॉर्म शैडो मिसाइलों के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है, इस कदम को ब्रिटिश सरकार ने ‘वृद्धि ’ माना है। इस व्यक्ति के अनुसार, जिसने मामले की संवेदनशीलता के कारण नाम न बताने की शर्त पर बात की।
इस सप्ताह ब्राजील में जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में यह मुद्दा छाया रहा, जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन को रूसी लक्ष्यों पर लंबी दूरी की एटीएसीएमएस मिसाइलें दागने की अनुमति दी। लेकिन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टारमर ने सार्वजनिक रूप से इस कदम का समर्थन नहीं किया, जबकि उन्हें लंबे समय से एक समर्थक के रूप में देखा जाता रहा है, जिससे यह सवाल उठने लगा कि क्या उनकी सरकार ब्रिटिश निर्मित स्टॉर्म शैडो के इस्तेमाल की अनुमति देगी।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने लंबे समय से पश्चिमी सरकारों से सैन्य समर्थन बढ़ाने का आह्वान किया है, जिसमें रूस में उन लक्ष्यों को भेदने के लिए लंबी दूरी की मिसाइलों के इस्तेमाल की अनुमति देना शामिल है जो रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के युद्ध प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण हैं।