आपदा में अब सरकारी नौकरी का अवसर
पीएम से जुड़ी है नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी
उज्जैन:उज्जैन में 300 आपदा मित्र महाकाल की सवारी व अन्य अवसरों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इनकी ओर से अब इन्हें होमगार्ड की सेवा में लिए जाने की मांग उठ रही है.कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपदा में अवसर की बात कही थी, उसके बाद आम जनता में सरकार के प्रति भरोसा बड़ा और अपने आर्थिक ढांचे को तीन माह तक संभाले रखा. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना ( नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी) के तहत प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अमित शाह की पहल पर मप्र के 13 जिलो में ये वॉलिंटियर्स सेवाएं दे रहे हैं. इनके पास लाइफ़ जैकेट से लेकर ट्रीटमेंट किट 24 घंटे उपलब्ध रहती है.
सीएम के गृह नगर में 300 वॉलिंटियर्स
मप्र के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के गृह नगर उज्जैन में बाबा महाकाल की सवारी सावन माह में निकल रही है वहीं नागचंद्रेश्वर भगवान का मंदिर वर्ष में एक बार खुलता है. इन सभी धार्मिक आयोजनों में 300 वॉलिंटियर्स (आपदा मित्र) राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन से जुड़े होकर निःशुल्क तौर पर सेवाएं दे रहे हैं. अब इनके मांगे हैं कि जिस तरह से उत्तर प्रदेश में सभी आपदा मित्रों को होमगार्ड नौकरी में भर्ती किया गया है इस तरह उज्जैन में सिंहस्थ से पहले इन्हें आपदा में काम करने में नोकरी का अवसर मिल जाए.
वेतन न भत्ता, सिर्फ नौकरी की आस
आग लग जाए, बाढ़ आ जाए या फिर कोई प्राकृतिक आपदा विपदा आ जाए, इन सब में यह 300 वॉलिंटियर्स अपनी जान जोखिम में डालकर भूखे प्यासे रहकर जेब के खर्चे पर आम जनता की मदद करने के लिए आतुर रहते हैं. उज्जैन में यह मानव सेवा का अभियान पिछले 1 साल से लगातार चल रहा है. डॉ. मोहन यादव भी इन्हें सम्मानित कर चुके है. उज्जैन में मुख्यमंत्री की ड्यूटी, शिप्रा यात्रा, चुनरी यात्रा में भी डॉ मोहन यादव के लिए 300 आपदा मित्र सेवाएं दे चुके हैं. इन्हें न वेतन मिलता है ना भत्ता मिलता है. अब सिर्फ मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव से ही इन्हें आस है कि इन्हें सिंहस्थ- 28 के पहले होमगार्ड की नौकरी मिल जाए. रामघाट दत्त अखाड़ा क्षेत्र में सवारी के दौरान अभी भी सेवाएं दे रहे हैं.
एसडीईआरएफ ने दी ट्रेनिंग
नवभारत से चर्चा में आपदा मित्र राधेश्याम पंथी केवट, मयाराम केवट, ईश्वर सिंह सुभाष केवट, संजय शर्मा ने बताया कि एसडीईआरएफ ने हम 300 आपदा मित्रो को ट्रेनिंग दी है. हमारे पास सर्टीफिकेट, किसी भी विपरीत परिस्थिति से बचने के लिए सभी संसाधन ,पूरी किट उपलब्ध कराई गई है. भीड़ प्रबंधन में भी हमारी सेवाएं ली जाती है. पूरे मध्य प्रदेश में जहां पर भेजते हैं वहाँ जाते है. घर से कई दिनों तक दूर रहना पड़ता है, हमारा पूरा डाटा जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, होमगार्ड डिपार्टमेंट के पास में है.
इनका कहना है……
हम भी चाहते हैं कि जितने भी ऐसे आपदा मित्र हैं ,उनकी सरकारी नौकरी लग जाए , होमगार्ड बन जाए या किसी भी स्तर पर वे सिस्टम में आ जाएं इसके लिए पीएस होम संजय दुबे जी से चर्चा भी चल रही है.
– संतोष जाट, जिला होम गार्ड अधिकारी