इंदौर। इंदौर पुलिस ने गुजरात की एक अंतर्राज्यीय गैंग के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने “डिजिटल अरेस्ट” के नाम पर एक वरिष्ठ नागरिक से 40.7 लाख रुपये की ठगी की थी। पुलिस ने आरोपी गैंग के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 23 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है और उनकी गिरोह से जुड़ी अन्य जानकारी एकत्रित करने के लिए पूछताछ जारी है।
यह ठगी एक वरिष्ठ नागरिक के साथ हुई थी, जिसने पुलिस को बताया कि 3 अक्टूबर, 2024 को उनके मोबाइल पर एक व्हाट्सएप कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को बांदा पुलिस स्टेशन का अधिकारी बताते हुए कहा कि उन्होंने मुंबई में कैनरा बैंक से 2.6 करोड़ रुपये का रि-ट्रांजेक्शन किया था और आरोप लगाया कि इसमें 15 प्रतिशत कमीशन उनके खाते में ट्रांसफर हो गया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फर्जी आदेश और अन्य कूटरचित दस्तावेज भेजकर पीड़ित को डराया गया और उसे गिरफ्तार करने की धमकी दी गई।
आरोपियों ने पीड़ित से कहा कि यदि वह इस मामले में दोषमुक्त होना चाहता है, तो उसे अपने बैंक खातों की जानकारी देकर फर्जी CBI अधिकारी से मदद लेनी होगी। इसके बाद, पीड़ित ने अपनी एफडी तुड़वाकर और अन्य राशि ट्रांसफर कर दी, जिससे कुल 40.7 लाख रुपये की ठगी हुई।
पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी गैंग के दो सदस्यों, हिममत भाई देवानी (58) निवासी सूरत और अतुल गिरी गोस्वामी (46) निवासी कच्छ, गुजरात को गिरफ्तार किया। आरोपियों ने ठगी के लिए गैंग को बैंक खाते प्रोवाइड करने का काम किया था।
इंदौर क्राइम ब्रांच ने आरोपियों का रिमांड प्राप्त कर आगे की पूछताछ शुरू कर दी है, ताकि गैंग के अन्य सदस्यों और ठगी के अन्य मामलों की जानकारी मिल सके। पुलिस ने इस गिरोह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है और मामले की विस्तृत जांच जारी है।