करोड़ों रुपए बकाया, सरकारी दफ्तर भी बकायादारों में शामिल
इंदौर: नगर निगम ने शहर के बड़े बकाएदारों की एक सूची तैयार की है. उक्त सूची में शहर के कई नामचीन बिल्डर और प्रतिष्ठित लोग शामिल है. ऐसा बताया जा रहा है कि शहर में करोड़ों रुपए बकायादारों सौ से ज्यादा लोग शामिल है. साथ ही सरकारी दफ्तरों पर भी निगम का करोड़ों रुपए बकाया है.सूत्रों के अनुसार नगर निगम ने संपत्ति कर, जलकर और कचरा शुल्क की वसूली को लेकर निगम के सभी सहायक राजस्व अधिकारियों को सूची दी है.
उक्त सूची में 5 हजार रुपए से लेकर करोड़ों रुपए तक बकायदार के नाम है. ध्यान रहे कि इंदौर में करीब साढ़े चार लाख से ज्यादा संपत्ति कर के खाते है. उनमें कई अवैध कॉलोनियों के रहवासियों के खाते ही नहीं खुले है. एक अनुमान के अनुसार शहर में 6 लाख से ज्यादा मकान, दुकान है, लेकिन उनमें से भी कई लोग वर्षो से संपत्ति कर जमा नहीं कर रहे है. इसका देखते हुए नगर निगम अब सख्ती से राशि वसूलने का काम शुरू कर चुका है. नगर निगम के एमआईसी सदस्य और राजस्व प्रभारी निरंजन सिंह चौहान ने कहा कि कोई भी बकाएदार हो, वसूली होगी. राजस्व के नोटिस दे चुके है, लेकिन अब सख्ती करेंगे.
वन टाइम सेटलमेंट स्कीम से नहीं हुआ निगम को फायदा
नगर निगम ने करीब एक माह तक संपत्ति कर, जलकर और सॉलिड वेस्ट के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम चलाई थी. उक्त स्कीम में कुल बकाया की 50 प्रतिशत राशि जमा कर बाकी 50 प्रतिशत राशि माफ़ की गई थी. उक्त वन टाइम सेटलमेंट स्कीम में निगम को सिर्फ 45 करोड़ रुपए ही मिले, जबकि निगम को 150 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद थी.
इन पर अनुमानित करोड़ों रुपए बकाया
ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर के मालिक संजय चौधरी – 6 करोड़
सहारा सिटी होम्स बिचौली – 44 करोड़
शेख मोहम्मद यूनुस – 12 करोड़
आईकेडीसी – 5 करोड़
जेएमसी इंफ्रा – 4.50 करोड़
चोइथराम ट्रस्ट, फाउंडेशन ,नार्थ स्कूल – 4 करोड़
बिल्डर पिंटू छाबड़ा बेबीलोन कंपनी – 1.40 करोड़
प्रभाजोत कौर – 4.45 करोड़
यशवंत क्लब – 1.40 करोड़
अग्रवाल पब्लिक स्कूल 2.45 करोड़
मखीजा कंस्ट्रक्शन – 2 करोड़
सत्यप्रकाश कुमावत शास्वत बिल्डर एंड डेवलपर्स – 1.50 करोड़
इंडस ग्लोबल एजुकेशन ( आरकेडीएफ ) – 1.85 करोड़
श्रीराम बिल्डर्स ( पुष्प विहार ) – 1.15 करोड़
जगन्नाथ पारमार्थिक ट्रस्ट – 84 लाख
संजय लूणावत – 95 लाख
सरकारी दफ्तरों पर भी बकाया
सरकारी दफ्तरों में एमजीएम मेडिकल कॉलेज, आईजी कार्यालय, बीएसएफ, बीएसएनएल, वन विभाग, आईडीए, कृषि महाविद्यालय, आईटीआई पर भी करोड़ों रुपए निगम का बकाया है.