इंदौर: शहर में पहली बार डामर की बजाय व्हाइट टापिंग तकनीक से सड़क बनाने का काम शुरू हो गया है. डेंटल कॉलेज चौराहे (एमवाय चौराहा ) से एबी रोड तक तीन सौ मीटर लंबी सड़क बनाने का आज महापौर ने शुभारंभ किया. ऐसा बताया जाता है कि उक्त तकनीक से सड़क निर्माण करने से लम्बे समय तक सड़क खराब नहीं होती है.नगर निगम इंदौर में पहली बार व्हाईट टॉपिंग सड़क बनाने का काम शुरु कर रहा है. व्हाईट टॉपिंग विधि से इस सड़क को बनाने के लिए दीपावली के पूर्व इसका भूमि पूजन किया गया था. आज से इसका कार्य शुरू कर दिया गया है. इस अवसर पर जनकार्य प्रभारी राजेन्द्र राठौर स्थानीय पार्षद पंखुड़ी डोसी अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर,डी आर लोधी,राजेंद्र गरोठिया सहित निगम के जनकार्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे.
क्या है व्हाइट टॉपिंग टेक्नोलॉजी
व्हाइट टापिंग सीमेंट कांक्रीट तकनीक में मिलिंग मशीन की मदद से पुरानी डामर की सड़क की ऊपरी सतह पर स्क्रेप कर कांक्रीट का मोटा लेप किया जाता है. इससे समय और संसाधनों की बचत होती है. व्हाइट टापिंग सीमेंट कांक्रीट तकनीक में एम-40 ग्रेड सीमेंट कांक्रीट में फाइबर बुरादा भी उपयोग किया जाता है.
शहर की सभी डामर की सड़कों को व्हाईट टॉपिंग तकनीक से करेंगे रिप्लेस- महापौर
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि कि देश और मध्य प्रदेश में इंदौर सड़क निर्माण के मामले में लगातार नवाचार कर रहा है. शहर में 10 प्रतिशत डामर की सड़कें है, जो हर साल किसी न किसी कारण से खराब हो जाती है। उस पर पेंच वर्क करना पड़ता है. सभी डामर और अन्य सड़कों को चरण बद्ध ठीक करेंगे. साथ ही एक नई टेस्टिंग की है, जिसमें नई सड़क को पुरानी सड़क से मिलाने का काम व्हाइट टॉपिंग तकनीक से किया गया , इसमें सड़कों की स्ट्रेंथ बनी रहती है. भविष्य में 25 दिन तक तरी कर के सड़क मजबूती के लिए रुकना नहीं पड़ेगा. अगर आवश्यकता पड़ी तो आज सड़क बना कर, कल उसका उपयोग करना रहा तो वो तकनीक इंदौर के पास है. शहर की सभी डामर की सड़कों को व्हाईट टॉपिंग तकनीक से रिप्लेस करेंगे। क्क ताकि शहर की सड़के अगले 20 से 50 साल तक मेंटेनेंस फ्री रहे