जबलपुर: नगर निगम मुख्यालय के सामने सिविक अब अतिक्रमण कारियों का सेंटर बन चुका है। जिसे देख अब प्रशासन के भी पसीने छूटने लगे हैं। इस क्षेत्र से मालवीय चौक, तीन पत्ती चौराहे, जयंती टॉकीज की ओर मार्ग पर कब्जेधारियों का आतंक हैं। इस क्षेत्र को व्यवस्थित बनाने की सारी कवायदें फेल हो चुकी हैं। बीच सड़क तक सजने वाली दुकानों के अतिक्रमण की वजह से दिन भर लगने वाले जाम के कारण व्यापारी नागरिक सभी परेशान हो चुके है। लोगों की माने तो जाम से बचने के लिए वह जहांगीराबाद, यातायात थाने के सामने से मालवीय चौक पहुंच रहे हैं। लेकिन नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस को इससे कोई फरक नहीं पड़ रहा है। एक तरफ दावा किया जाता है कि सिविक सेंटर को व्यवस्थित मार्केट के तौर पर विकसित किया जाएगा लेकिन अतिक्रमणकारियों की मनमानी के आगे सारे दावे और प्रयास असफल साबित हो रहे हैं।
पूरा क्षेत्र चढ़ा अव्यवस्था की भेंट
सिविक सेंटर शहर के मुख्य बाजारो में शुमार है लेकिन इसके अंदर के हालात अराजक हो चुके हैं। यहां से मालवीय चौक, जेडीए कार्यालय से चौपाटी, दवा बाजार से माता गुजरी कॉलेज के सामने और इर्द-गिर्द रोड तक दुकानें सजाई जा रही हैं। स्थिति यह है कि इस पूरे इलाके में कहीं भी पैदल चलने के लिए फुटपाथ नहीं बचा है। वंदे मातरम चौक पर पार्किंग की जगहों पर ठेले-टपरों में लगने वाली दुकानें सबसे बड़ी परेशानी हैं। यहां बने रेड जोन की भी धड़ल्ले से धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ग्राहकों के लिए गाड़ियाँ खड़ी करने के लिए जगह नहीं रहती है तो मजबूरी में उनको भी सड़कों पर अपनी गाड़ियां खड़ी करनी पड़ती हैं।
हो चुके कई प्रयास
सूत्रों की माने तो तत्कालीन कलेक्टर इलैयाराजा टी ने सिविक सेंटर के चारों ओर भ्रमण कर उद्यान के सौंदर्यीकरण के कार्य और साफ-सफाई व्यवस्था का जायजा लिया था। साथ ही अतिक्रमण पर गुस्सा भी जाहिर किया था। लेकिन आज कई सालों बाद भी हालत जस के तस बने हुए हैं। बस आदेश पास होते हैं परंतु अधिकारियों के तबादले के बाद स्थिति पुरानी जैसी हो जाती है।
इनका कहना है
सिविक सेंटर क्षेत्र में समय-समय पर कार्रवाई की जाती है, और जुर्माना भी लगाया जाता है।
सागर बोरकर, अतिक्रमण अधिकारी, नगर निगम