राष्ट्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा आयोग विधेयक शीघ्र पारित होगा: मेघवाल

नयी दिल्ली 18 नवंबर (वार्ता) केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा है कि राष्ट्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा आयोग विधेयक 2023 संसद से शीघ्र पारित हाेगा।

श्री मेघवाल ने सोमवार को यहां प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर सूर्या फाउंडेशन और अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संगठन तथा केंद्रीय आयुष मंत्रालय के सहयोग से आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार संसद में राष्ट्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा आयोग विधेयक 2023 को पारित कराने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक का उदाहरण देते हुए कहा कि इसे संसद में सफलतापूर्वक पारित कर इतिहास रच दिया गया है।

उन्होंने आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा आयोग 2023 को संसद पारित कराने के लिए ठोस प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसमें भी बाधाएं आ रही हैं लेकिन मोदी सरकार इसे मुमकिन बनायेंगी है। सम्मेलन में देश भर से तीन हजार से अधिक योग और प्राकृतिक चिकित्सा प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन में राष्ट्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा आयोग 2023 को पारित करने और इसे लागू करने की प्रमुख मांग की गई।

सम्मेलन का उद्घाटन श्री मेघवाल ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा और आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने आनलाइन कार्यक्रम में भाग लिया।

इस सम्मेलन में लोकसभा सांसद भोला सिंह, जैन धर्मगुरु आचार्य लोकेश मुनि और कर्नाटक के पंचमशाली पीठ के जगतगुरु श्री श्री वचनानंद स्वामी भी मौजूद रहे।

सम्मेलन में प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सात वरिष्ठ प्राकृतिक चिकित्सकों को सम्मानित किया गया।

प्रतिष्ठित “ महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार” अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय महायोग एवं प्राकृतिक स्वच्छता संस्थान के संस्थापक निदेशक डॉ. अरुण शर्मा और न्यूजीलैंड ऑकलैंड में प्राकृतिक चिकित्सा योग एवं आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. पूजा माडेला काे संयुक्त रूप से प्रदान किया गया। “ डॉ. वेंकट राव राष्ट्रीय पुरस्कार” नागालैंड के दीमापुर में वैश्विक मुक्त विश्वविद्यालय के उप कुलपति डॉ. एस.एन. पांडे, “ डॉ. विट्ठल दास मोदी राष्ट्रीय पुरस्कार” महाराष्ट्र में रायगढ़ में कुष्टरोग निवारण समिति की उपाध्यक्ष डॉ. कुमुद जोशी, “ डॉ. राजकुमारी अमृत कौर राष्ट्रीय पुरस्कार” तेलंगाना हैदराबाद की डॉ. जी. विजयलक्ष्मी रेड्डी, “ बालकोबा भावे राष्ट्रीय पुरस्कार” गुजरात के वडोदरा में विनोबा आश्रम में निसर्गोपचार के निदेशक डॉ. भरत भाई शाह और “ महावीर प्रसाद पोद्दार राष्ट्रीय पुरस्कार” मध्यप्रदेश में भोपाल के संत हृदयराम योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अस्पताल के उपाध्यक्ष डॉ. रमेश तेवानी को दिया गया।

श्री नड्डा ने कहा कि सरकार पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के विकास और अनुसंधान की दिशा में लगातार काम कर रही है। श्री जाधव ने कहा कि सरकार को प्राकृतिक चिकित्सा के कई प्रस्ताव मिले हैं, जिन पर मंत्रालय सक्रिय रूप से काम कर रहा है और आश्वासन दिया कि इन प्रयासों के परिणाम जल्द ही दिखाई देंगे।

सूर्या फाउंडेशन के अध्यक्ष पद्मश्री जयप्रकाश अग्रवाल ने प्राकृतिक चिकित्सा का अभ्यास करने वाले प्रत्येक चिकित्सक को अपने रोगियों को स्वास्थ्य लाभ देने से पहले इन प्रथाओं को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्राकृतिक चिकित्सा चिकित्सक को जल चिकित्सा, उपवास, मिट्टी चिकित्सा और फल-आधारित आहार जैसी चिकित्सा को सप्ताह में कम से कम एक बार अपने दैनिक जीवन में शामिल करना चाहिए।

अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनंत बिरादर ने विकसित भारत 2047 में प्राकृतिक चिकित्सा के योगदान विषय के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सभी प्राकृतिक चिकित्सा डॉक्टरों के पंजीकरण और प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग अस्पतालों के लिए अनुदान सहायता को फिर से शुरू करने पर जोर दिया। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना के तहत योग और प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली को शामिल करने की भी मांग की ताकि ये लाभ सभी वर्गों के लोगों तक पहुंच सकें।

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