नयी दिल्ली, 18 नवंबर (वार्ता) सरकार देश भर में सुविधाओं के अभाव में लोगों के सामने खुले में शौच की समस्या को समाप्त करने के अभियान को आगे बढ़ाने के लिए मंगलवार को विश्व शौचालय दिवस पर “हमारा शौचालय, हमारा सम्मान” अभियान शुरू करने जा रही है।
आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय की सोमवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार विश्व शौचालय दिवस, 19 नवंबर को शुरू होगा और मानवाधिकार दिवस, 10 दिसंबर, 2024 को समाप्त होगा। इस अभियान में स्वच्छता को मानवाधिकारों और विशेष रूप से महिलाओं और लड़कियों के लिए सम्मान और गोपनीयता की सार्वभौमिक आवश्यकता से जोड़ा जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2013 से घोषित विश्व शौचालय दिवस हर वर्ष 19 नवंबर को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य वैश्विक जागरूकता बढ़ाना और स्वच्छता के तत्काल संकट को दूर करने के अभियानों पर बल देना है। यह दिवस स्वस्थ विकास 2030 के लक्ष्य छह के अंतर्गत सभी के लिए पानी और स्वच्छता सुनिश्चित करने के हिस्से के रूप में सुरक्षित और सुलभ शौचालय सुविधाओं के महत्व पर जोर देने के लिए समर्पित है।
इस बार विश्व शौचालय वर्ष का विषय ‘शौचालय – शांति का स्थान’ है। ‘इसमें इस बात को उजागर किया गया है कि युद्ध, जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं और प्रणालीगत उपेक्षा के कारण अरबों लोग स्वच्छता के लिए बढ़ते खतरों का सामना करते हैं।
रिपोर्टों के अनुसार दुनिया में अब भी 3.5 अरब लोग सुरक्षित रूप से प्रबंध की गयी स्वच्छता सुविधाओं के बिना जीवन बिता रहे हैं और 41.9 करोड़ लोग खुले में शौच करते हैं। इसी तरह 2.2 अरब लोगों के पास अभी भी सुरक्षित रूप से प्रबंधित पेयजल सुविधा नहीं है और दो अरब लोगों के पास बुनियादी स्वच्छता सेवाएँ नहीं हैं, जिनमें 65.3 करोड़ ऐसे हैं जिनके पास इनमें से कोई सुविधा नहीं है।
युद्ध और संघर्षों से प्रभावित क्षेत्रों में 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों में प्रत्यक्ष हिंसा की तुलना में खराब स्वच्छता से जुड़ी बीमारियों से मरने की संभावना लगभग तीन गुना अधिक है, जो अपर्याप्त स्वच्छता के भयावह प्रभाव को रेखांकित करता है।