ढाई दशक पूर्व हुए हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा बरकरार

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने पनागर में ढाई दशक पूर्व हुए हत्याकांड में आरोपी को दी गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस देवनारायण मिश्रा की युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि आखिरी बार आरोपी को मृतक के साथ देखा गया था और सभी साक्ष्य आरोपी के खिलाफ है, इसलिये उसे अधीनस्थ अदालत द्वारा दी गई सजा में दखल नहीं किया जा सकता।

दरअसल पनागर थानांतर्गत 13 सितंबर 1999 में राजू नामक युवक की हत्या हुई थी। जांच में पुलिस ने पाया था कि पनागर स्टेशन के बाहर किसी बात पर हुए विवाद के चलते आरोपी अनिल केवट ने राजू के साथ मारपीट की थी और उसके बाद से राजू लापता था।  इस मामले में पुलिस द्वारा पेश की गई चार्जशीट पर विचारण के बाद जबलपुर जिला अदालत ने 22 अगस्त 2000 को आरोपी अनिल को उम्र कैद की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ यह अपील दायर की गई थी। पूरे मामले का अवलोकन करने के बाद न्यायालय ने आरोपी को दी गई सजा को सही ठहराते हुए दायर अपील खारिज कर दी।

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