जबलपुर। सिविल लाइन थाने में दर्ज दुष्कर्म के मामले में फरार चल रहे रेलवे के चीफ वेलफेयर इंस्पेक्टर विनोद कोरी की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दी हैं।
दरअसल हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जहां से भी उसकी याचिका सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच जिसमें जस्टिस सीटी रविकुमार व जस्टिस संजय कौल थे, जिन्होंने खारिज कर दिया इस याचिका निरस्त होने के बाद विनोद कोरी की गिरफ्तारी तय है, वह फिलहाल पुलिस की पकड़ से फरार है।
विदित हो कि 21 अप्रैल को पीडि़त युवती ने सिविल लाइन थाने में शिकायत की थी इस दौरान बताया कि पिता रेलवे में जूनियर क्लर्क थे, साल 2022 में उनका देहांत हो गया था, रेलवे में उसी पद पर अनुकंपा नियुक्ति मिलनी थी। चीफ वेलफेयर इंस्पेक्टर विनोद कोरी नौकरी के सबंध में डॉक्यूमेंट चेक करने घर आया। उसने दस्तावेज देखकर जल्दी जॉब मिलने की बात कहीं। जुलाई 2022 में रेलवे कर्मचारियों के साथ ट्रेनिंग के लिए जोधपुर सेंटर भेजा गया, उस दौरान विनोद कोरी भी साथ गया था। ट्रेनिंग से लौटकर डीआरएम ऑफिस में ज्वाइन कर लिया। करीब दो महीने बाद जबरन गलत काम किया मोबाइल से फोटो-वीडियो भी बना लिए, इसके बाद इन फोटोज को दिखाकर ब्लैकमेल करते हुए एक साल तक रेप करता रहा।