० शाम ढलते ही दीपकों से जगमगाये घर-घर, घरों के सामने सजायी गई आकर्षक रंगोली
नवभारत न्यूज
सीधी 12 नवम्बर। देव प्रबोधिनी एकादशी के त्यौहार पर आज लोगों ने भगवान श्री विष्णु एवं तुलसी की पूजा अर्चना की। शाम ढलते ही घरों के सामने रंगोली सजाकर दीपकों की कतार से रोशनी की गई। शहर सहित पूरे जिले मेंं लोगों द्वारा छोटी दीपावली केे रूप मेंं परम्परागत तरीकेे से मनाया गया। इस त्यौहार के दिन शकरकंद को प्रसाद केे रूप में चढ़ाये जाने की मान्यता हैै।
जिसकेे चलते आज शहर में जगह-जगह शकरकंद की दुकानें लगने से शकरकंद का बाजार गर्म रहा। शकरकंद आज सुबह 30 रूपये किलो से बिकना शुरू हुआ और 40 रूपये तक बिका। गन्ना 40-50 रूपये नग तक बिका। आस्था के चलते लोगों ने जमकर खरीदी की। मालूम हो कि भारत देश की अलग पहचान यहां की संस्कृृति और त्यौहारों को लेकर ही है। प्राचीन काल से माना जाता है कि मनवांछित फल कामना पूर्ति के लिये देव प्रबोधिनी एकादशी का बहुुत ही महत्व है। यहां बताते चले कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को प्रबोधिनी अथवा देवउठनी एकादशी कहते हैैं। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु सहित देव लोक के समस्त देवी-देवता निद्रा से जागते हैं। इसी कारण इसे देवोत्थायिनी एकादशी कहते है। कुछ स्थानों पर इसे हरि प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं। इस दिन किया गया पुण्य कर्म अक्षय होता हैै तथा उसका फल कई कोटि गुणा बढ़़ जाता है। इसके पुण्यफल के प्रभाव से जन्म जन्मांतर केे पापों का नाश होता हैै तथा विष्णु भगवान की कृृपा से बैकुण्ठ प्राप्त होता हैै। एक प्राचीन परम्परा के अनुसार इस दिन ईख को खेत में काटकर घर लाया जाता है और उसका पूजन करकेे प्रथम बार उसको चूसते हैं या रस निकालकर गुड़ बनाते हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दिन सत्यनारायण की कथा सुनने व्रती को फलाहार करवाकर दक्षिणा देनी चाहिए। प्राचीन काल से चली आ रही इन्हीं परम्पराओं के तहत आज शहर सहित पूरे जिले में देव प्रबोधिनी एकादशी का त्यौहार छोटी दीपावली केे रूप में मनाया गया और आज घर-घर महिलाओं द्वारा तुलसी की पूजा-अर्चना की गयी। कल तडक़े घर से दरिद्र हटाने की तैयारी में भी महिलाएं आज से ही पूरी तरह से मुस्तैद हैं। ताकि साल भर घर में सुख-शांती बनी रहे। छोटी दीवाली की धूम शहरों की अपेक्षा ग्रामीण अंचलों में ज्यादा रही। प्रबोधिनी एकादशी को लेकर बाजार में तीन दिनों से काफी भीड़ बनी रही।
००
भीड़ से गुलजार रहा बाजार
प्रबोधिनी एकादशी को लेकर बाजार में तीन दिनों से काफी भीड़ बनी रही। भीड़ को बाजार क्षेत्र में नियंत्रित करने एवं बाजार क्षेत्र में आवागमन की व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए पुलिस द्वारा अस्पताल तिराहा से लेकर लालता चौक मार्ग को बैरिकेटस जगह-जगह लगाकर तीन एवं चार पहिया वाहनों के प्रवेश को पूरी तरह से बंद किया गया था। इसी तरह की व्यवस्था दीपावली पर भी पुलिस द्वारा की गई थी। जिसके चलते बाजार क्षेत्र में आवागमन की समस्या दूर रही।
०००००००००००००