मामला ललितपुर-सिंगरौली नवीन रेलपथ निर्माण का
चितरंगी:ललितपुर सिंगरौली नवीन रेल पथ निर्माण के लिए ग्राम झोंखो, खम्हरिया कला, कर्थुआ में पश्चिम मध्य रेलवे द्वारा दुबारा भू-अर्जन की मांग पर भू-अर्जन अधिकारी ने धारा 21 एवं 22 की नोटिस के बाद जांच पर विस्थापित लोग भड़क गए। ग्रामीणों द्वारा पूरी जांच टीम को खदेड़ दिया गया। मामला यह रहा कि एक बार पूरी परिसंपत्तियों की जांच कर मूल्यांकन कर लिया गया। प्रतिवेदन भी कलेक्टर तक पहुंच गया। फिर पश्चिम मध्य रेलवे ने कलेक्टर को मुआवजा राशि घटाने के लिए पत्र लिखा गया और उसके पालन में परिसंपत्तियों के मालिकों से आनावश्यक दस्तावेज इस लिहाज से मांगे जाने के लिए प्रपत्र तैयार किया गया।
जिससे परिसंपत्तियों को प्रतिकर से पृथक किया जा सके। ये गोपनीय मीटिंग भू-अर्जन से जुड़े अधिकारियों द्वारा की गई। रातों रात दस्तावेज तैयार कर सुबह बिना सूचना के 16 सदस्यीय टीम जांच के लिए करथुआ पहुंच गई। लोगों को जांच टीम का मकसद प्रपत्र को देखकर समझ में आ गया। लोग आक्रोशित हो गए। लोगों ने टीम को गांव में घुसने ही नहीं दिया। लोगों का कहना था कि पहले भू-अर्जन नियम से जॉच कराई जाए। ग्रामीणों एवं रहवासियों का कहना था कि सभी को सूचित कर जांच करने टीम स्थल पर पहुंचे। जो भू-अर्जन के लिए आवश्यक जानकारी है वही एकत्रित करें। सभी को समुचित जानकारी तथा अवसर प्रदान करने के बाद ही काम करने दिया जाएगा। नियम से भू-अर्जन करें मनमाना स्वेच्छाचारी नियम अपने से ना बनाएं।