नवभारत न्यूज
खंडवा। बिजली विभाग के अस्थाई कर्मचारी शांतिलाल पिता दशरथ की काम करते समय करंट से मौत हो गई। बताते हैं कि वह बिजली मेंटेनेंस का काम कर रहा था। अचानक तारों में करंट दौड़ पड़ा।
शांतिलाल छटपटाकर गिरा और उसकी मौत हो गई। वह 45 वर्ष का था। हालांकि इस बात की तस्दीक की जा रही है कि शांतिलाल की मौत कैसे हुई? यह बिजली विभाग की लापरवाही भी कहीं जा सकती है, लेकिन अभी विभाग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
बताते हैं कि गांव के लोग भी विभाग से नाराज हैं कि उन्होंने इस मसले में किसी तरह का सहयोग कर्मचारी की मौत के बावजूद नहीं किया। घटना सैयदपुर खैगांवड़ा के भेरूखेड़ा गांव की बताई जा रही है। इस तरह की करंट से मौतें बिजली विभाग छुपाता रहता है। अस्थाई कर्मचारियों को कम वेतन पर रखकर उनसे खतरनाक काम कराए जा रहे हैं। अकुशल श्रेणी के लोगों को कम पैसों में रखकर भी इस तरह के काम कराते हैं। अस्थाई कर्मचारियों को ही बिजली के खंबों पर हाई रिस्क के साथ काम पर लगा दिया जाता है। बेरोजगारी में लोग बच्चों को पालने के लिए इतनी रिस्क भी ले लेते हैं।
शांतिलाल की मौत का जिम्मेदार कौन है? किसकी लापरवाही से बिजली के तारों में उस वक्त करंट दौड़ पड़ा,जब शांतिलाल मेंटेनेंस संबंधी काम कर रहे थे। शांतिलाल के परिजनों ने भी इस मसले पर आवाज इसलिए नहीं उठाई कि वे अभी सदमे में हैं।