यह उपवास 5 वर्ष तक चलते हैं। इन्हें संयमित रूप से करने से ज्ञान में वृद्धि होती है। साथ में णमो णाणस मंत्र के जब की महिमा भी बताई। उद्बोधन के दौरान प्रतिभा श्री जी महाराज साहब ने बताया की प्रत्येक व्यक्ति की जिह्वा पर सरस्वती का वास होता है यदि ज्ञान होगा तो उसकी वाणी मधुर निकलेगी और उसका यश पूरे समाज में और क्षेत्र में बढ़ेगा ज्ञानी व्यक्ति हमेशा पूजा जाता है। साथ ही श्रावक श्राविकाओं को संबोधित करते हुए बताया कि संत समाज का हिस्सा है संतों का अपमान नहीं करना चाहिए गुरुओं की बातों को ध्यान से सुनना चाहिए।
इस अवसर पर वर्धमान श्रावक संघ अध्यक्ष विजय मारू ने बताया कि चातुर्मास के दौरान महासतियों द्वारा समाज को एकजुट करने के साथ-साथ जेन धर्म के विषय में महत्वपूर्ण और अच्छी जानकारी दी गई आगामी 13 तारीख को चातुर्मास समापन हो रहा है लेकिन हमारे मन में महासतियों की वाणी हमेशा विराजित रहेगी बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दूर-दराज से श्रावक श्राविकाएं उपस्थित रहे। मध्य प्रदेश देवास जिले के बागली नगर से आए श्रावक मदन सिसोदिया बंशीधर सिसोदिया कैलाश गुप्ता श्रीमती सिसोदिया कुंती सिसोदिया श्यामा जी गुप्ता आदि ने बताया कि ज्ञान पंचमी अवसर पर महासतियों के दर्शन लाभ मिल गए यहां उनका सौभाग्य है।