नेशनल लोक अदालत में 58 हजार से अधिक प्रकरण निराकृत पांच अरब से अधिक की अवार्ड राशि पारित

जबलपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में शनिवार को आयोजित हुई नेशनल लोक अदालत में प्रदेश भर में 58 हजार से अधिक प्रकरणों का आपसी सामंजस से निराकरण किया गया। इस दौरान 4 अरब, 77 करोड़, 75 लाख 371 रुपये की अवार्ड राशि पारित की गई। नेशनल लोक अदालत में पक्षकारों के वर्षो पुराने मामलों का समझाईश के आपसी सहमति से हुए निराकरण ने उनके चेहरों को खुशियों से भर दिया।

मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय ममिलठ के निर्देशन में हुई लोक अदालत में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस शील नागू, जस्टिस विवेक अग्रवाल के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं माँ सरस्वती कीप्रतिमा पर माल्यार्पण कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया। नेशनल लोक अदालत के लिये जबलपुर मुख्य पीठ सहित इंदौर व ग्वालियर खंडपीठ में छह खंडपीठों का गठन प्रकरणों के निराकरण के लिये किया गया था। मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव रत्नेश चंद्र सिंह बिसेन ने जानकारी देते हुए बताया कि नेशनल लोक अदालत में न्यायालयों में लंबित 1 लाख, 92 हजार 588 प्रकरणों को निराकरण के लिये रखा गया था। जिनमें से 24 हजार, 758 प्रकरणों का आपसी सहमति के आधार पर निराकरण कर 3 अरब, 43 करोड़, 25 लाख, 22 हजार 581 रुपये की अवार्ड राशि पारित की गई। इसी प्रकार प्री-लिटिगेशन के 4 लाख, 60 हजार 529 प्रकरण निराकरण के लिये रखे गये थे। जिनमें से 32 हजार 882 प्रकरणों का निराकरण कर एक अरब, 34 करोड़, 49 लाख, 77 हजार, 790 रुपये की अवार्ड राशि पारित की गई। इस तरह नेशनल लोक अदालत में न्यायालयों में लंबित कुल 1 लाख, 92 हजार 588 प्रकरण तथा 460529 प्री-लिटिगेशन प्रकरण निराकरण के लिये रखे गये थे। जिनमें से कुल 57640 प्रकरणों का निराकरण कर 4 अरब, 77 करोड़, 75 लाख 371 रुपये का अवार्ड पारित किया गया।

जिला न्यायालय में 4631 प्रकरण निराकृत, 39 करोड़ से अधिक अवार्ड राशि पारित-

जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक अवस्थी के मार्ग दर्शन में जिला न्यायालय व सिहोरा व पाटन सहित कुटुम्ब न्यायालय में शनिवार को नेशनल लोक अदालत में 4631 प्रकरणों का आपसी सामंजस से पटाक्षेप किया गया। जिसमें 39 करोड़, 58 लाख, 58 हजार  चौर सौ 38 रुपये की अवार्ड राशि पारित की गई। प्रकरणों के निराकरण के लिये 78 खंडपीठों का गठन किया गया था। जिसमें न्यायालयों में लंबित 1520 प्रकरणों एवं 3111 प्रीलिटिगेशन के प्रकरणों का निराकरण किया गया। उक्त लोक अदालत में आपराधिक शमनीय प्रकृति के 255 प्रकरण, धारा-138 एनआई एक्ट के 136 प्रकरण, मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा के 849 प्रकरण, सिविल मामलों के 69 प्रकरणों, विवाह संबंधित प्रकरण 67 एवं विद्युत अधिनियम के अंतर्गत 59, लेबर प्रकरण 4 अन्य प्रकृति के 81 लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया।

मोटर दुर्घटना में तीस करोड़ से अधिक की अवार्ड राशि पारित-

लोक अदालत में चैक बाउंस के मामलों में कुल तीन करोड़ आठ लाख नौ सौ सोलह से अधिक रूपये की समझौता राशि के आदेश दिये गये। इसी तरह मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा के प्रकरणों में तीस करोड़ तेरह लाख आठ हजार चौहत्तर रुपये की अवार्ड राशि पारित की गई। विद्युत के न्यायालयों में लंबित  59 प्रकरणों में सात लाख पच्चपन हजार छ: सौ सत्तर की राजस्व वसूली हुयी। इसी प्रकार बैंक रिकवरी के 179 प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में निराकरण पश्चात तीन करोड़ उन्तालीस लाख दो हजार एक सौ उन्नीस की समझौता राशि लोक अदालत में प्राप्त हुयी।

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