राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हुआ इलाज
जन्मजात न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट रोग से पीड़ित थी
इन्दौर. जनजातीय बाहुल्य क्षेत्र में बेटी का जन्म खुशियों और प्रसन्नता को लेकर आता है. संभाग के दूरस्थ क्षेत्र अलीराजपुर के ग्राम घोंघसा निवासी कलमसिंह भिंडे के यहां बेटी का जन्म हुआ. बेटी के जन्म की बात सुनकर परिवार में खुशियां छा गई थी. लेकिन जैसे ही अस्पताल स्टाफ ने नन्हीं बच्ची को न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट रोग से पीड़ित होने की बात बताई, खुशियां चिंता में बदल गई.
परिवारजनों को चिकित्सकों और अस्पताल स्टाफ ने ढांढस बंधाते हुए नवजात बच्ची का इलाज संभव होने के संबंध में काउंसलिंग की तथा जिला चिकित्सालय के आरबीएसके केन्द्र के लिए रेफर किया गया. बच्ची का ऑपरेशन हुआ और आज नन्हीं दिव्यांशी पूरी तरह से स्वस्थ है. यह सब संभव हुआ है, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम से. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा अनुरूप दूरस्थ क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने की सोच के अंतर्गत इन्दौर संभाग आयुक्त दीपक सिंह के मार्गदर्शन में संभाग के दूरस्थ क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने की विशेष पहल की जा रही है. इसी पहल के तहत संस्थागत प्रसव को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिए विशेष प्रयास हो रहे है. इन्हीं प्रयासों के तहत ग्राम घोंघसा निवासी कमलसिंह भिंडे की पत्नि को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आम्बुआ में प्रसव के लिए भर्ती किया गया. कमलसिंह की पत्नि ने सामान्य प्रसव से बेटी को जन्म दिया. माता-पिता सहित पूरा परिवार खुशी से झूम उठे लेकिन उनकी यह खुशी चिकित्सकों द्वारा नवजात बच्ची को न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट रोग से पीड़ित के बारे में सुनते ही काफूर हो गई. चिंतित परिजनों को चिकित्सकों, स्टाफ और आरबीएसके टीम ने बच्ची का इलाज संभव होने की बात बताते हुए बेहतर काउंसलिंग की. नवजात बच्ची को जिला चिकित्सालय स्थित एसएनसीयू में भर्ती किया गया. यहां बेहतर इलाज और इसी दौरान न्यूरल ट्यूब के ऑपरेशन के लिए इंदौर संपर्क किया गया. कलमसिंह और उनका पूरा परिवार बेटी आपरेशन और इलाज पर लगने वाले खर्च को लेकर चिंतित थे. न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट रोग से पीडित दिव्यांशी का सफल ऑपरेशन नोबल हॉस्पिटल इंदौर में कराया गया. नन्हीं दिव्यांशी के इलाज का पूरा खर्च राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम से हुआ. ऑपरेशन के बाद से दिव्यांशी पूरी तरह स्वस्थ है. बच्ची के माता-पिता और अन्य परिजनों की चिंता भी दूर हो गई है. कलमसिंह के परिवार में एक बार फिर खुशियां लौट आई है. कमल सिंह और अन्य परिजनों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का धन्यवाद देते हुए आरबीएसके योजना के लिए आभार व्यक्त करते हैं. संभागायुक्त दीपक सिंह ने संभाग के दूरस्थ क्षेत्रों में आरबीएसके योजना के तहत व्यापक जागरूकता प्रयासों के निर्देश दिए है.
तत्काल ऑपरेशन की आवश्यकता
एस.एन.सी.यू अलीराजपुर के विशेषज्ञ डॉ सचिन पाटीदार ने बताया गर्भावस्था के समय प्रारंभिक 3 माह में फोलिक एसिड दवा के सेवन न करने के कारण से बच्चों में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट की समस्या उत्पन्न होती है. प्रभावित बच्चों को तत्काल इलाज और आपरेशन की आवश्यकता होती है. नन्हीं दिव्यांशी भी जन्म से इसी बिमारी से ग्रसित थी. परिजनों की काउंसलिंग और ऑपरेशन की प्रक्रिया के बाद आज बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ्य है.